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पर्यावरण रक्षा की शपथ
Hindi Poetry |
पर्यावरण रक्षा की शपथ
(1)
बड़ से गहराई सीखो, पीपल से सीखो ज्ञान |
नीम खड़ा वह सदा कह रहा, मत सहना अपमान ||
कहे आँवला सभी रसों को, जीवन में अपना लेना |
है बबूल की सीख न शत्रु, कभी निकट आने देना ||
(2)
जीवन को सुरभित करलो और सारे जग को महकाना |
इस विद्या को चंदन से, ज्यादा कब किसने पहचाना ||
लता विटप और कंद मूल फल फूल सभी का है कहना |
मत कमतर आंको हमको, हम हर प्राणी का है गहना ||
(3)
प्राणों की रक्षा हम करते, रोगों को भी हर लेते |
बल बुद्धि यौवन हम देते, कंचनसी काया करते ||
फिर क्यों हम पर दानव बन कर टूट पड़ा है यह मानव |
बुद्धि विपर्यय विनाशकाले, सिद्ध कर रहा यह मानव ||
(4)
अब भी समय शेष है, मौसम में ठंडक भी बाकी है |
हिमखंडों के पिघलन की परिणति क्या तुमने आँकी है ||
इससे पहले कि पानी, ऊपर हो जाए सिर से |
विश्व ऊष्मा कम करने को, वृक्ष लगाओ फिर से ||
(5)
हे आर्यपुत्र अब शपथ उठा, वनदेवी की प्रकृति माँ की |
धरती माता की रक्षा में, अब वानप्रस्थ बीते बाकी |
बस यही मार्ग है शेष उऋण ,माताके ऋण से होने का |
दोहन अब तक खूब किया ,अब समय आगया रोपण का ||
पर्यावरण संरक्षण का सन्देश देती एक बहुत ही सुंदर कविता, Billore जी, हार्दिक बधाई.
@U.M.Sahai, आपकी सराहना हमारा संबल है |कविता पसंद करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद |
Bahut hi sundar tarika hai yah ek aham sandesh dene ka. Badhaai, Doctor Sahab!
@Sangeeta Mundhra, संगीता Mundhra जी
रचना पसंद करने केलिए एवं उत्साह वर्धन के लिए आपका खूब धन्यवाद |
शुद्ध हिंदी की प्रभावशाली रचनाएँ बहुत ही कम पढने को मिल रही हैं,ऐसे में इस प्राप्य रचना का स्वागत है. इस रचना ने पर्यावरण की महत्ता पर प्रकाश डाल कर एक प्रशंसनीय कार्य किया है.डॉक्टर साहिब बधाई.
@c k goswami, आदरणीय सी.के. गोस्वामीजी इस लम्बी रचना के पठन का कष्ट उठाने एवं रचना की सराहना तथा रचनाकार का उत्साह वर्धन करने के लिए आपका आभार एवं धन्यवाद |
bohut achcha topic or bohut achchi rachna !!
@pallawi verma,आपको रचना पसंद आई बहुत बहुत धन्यवाद पल्लवी जी |
factual one 🙂
@prachi sandeep singla, प्रसंशा में कहे गए दो शब्द सब कुछ कह गए |आपका बहुत बहुत धन्यवाद |
रचना है अति मनभावन ये रची भावनिक अर्थपूर्ण
सीख दिलाती है हम सब को पर्यावरण का हो रक्षण
प्रभावी सुन्दर कविता के प्रति बहुत आपका अभिनन्दन ….
@Vishvnand,
आदरणीय आपकी इस स्नेहमयी प्रतिक्रिया से
कविता धन्य हुई और रचनाकार सफल |
आपका बहुत बहुत आभार |