« My hide ! | “Tug Of Love” v/s “Tug Of War” » |
संगीत
Hindi Poetry, Oct-Nov 2011 Contest |
कानों में रस घोलती-घोलती, बिना किसी आहट,
धीमें से जो ह्रदय में घर कर जाए,
वही तो संगीत कहलाये!
शिशु की शुद्ध, मधुर किलकारियां, जो पाषाण ह्रदय को पिघलाती
चुपके से वहीं घर कर जाए,
वही तो संगीत कहलाये!
नदी में गिरता झरना, कल-कल करता पानी,
फिजाओं को मदहोश कर जाए,
वही स्वर संगीत कहलाये!
पक्षियों की चहचहाट, पंखों के फड़फड़ाहट की ध्वनि,
एक अछूती सी सरगम सुनाये,
वही तो संगीत कहलाये!
बारिश में नहाती सृष्टि, टप-टप पानी की झन्कार,
जब ता-ता थैय्या राग लगाए,
वही सुर तो संगीत कहलाये!
और इन्द्रधनुष जब सतरंगी से रंग उठे नभ सारा,
रंगों भरी तूलिका वह,तृप्ति का आभास दिलाये,
वही संतृप्ति संगीत कहलाये!
नेत्र-विहीन सूरदास बिन देखे इश्वर के गुण गाते रहे,
ऐसी भक्ति रस भरी जो ह्रदय में घर कर जाए,
वही समर्पण संगीत कहलाये!
न धर्म देखे न जात, न दिन, दोपहर, न रात,
हौले-हौले उछाल मारती रहे,
वही निष्ठा संगीत कहलाये!
सुनाते-सुनाते फजूल की बातें, बिता दी उम्र इस मन नें,
पर जिस बाणी को सुन, मन श्रोता हो जाए,
वही उक्ति तो संगीत कहलाये!!
नेत्र-विहीन सूरदास बिन देखे इश्वर के गुण गाते रहे,
ऐसी भक्ति रस भरी जो ह्रदय में घर कर जाए,
वही समर्पण संगीत कहलाये!
Its pleasure reading your poem
Loved it ma’am
आपकी मधुर रचना जब मन सरस हो जाये और सृजन का अमृत पाए
तो संगीत कहलाये
सुन्दर भाव …..
बहुत सुन्दर रचना…..
बधाई…..
utkrisht.
परमिन्द्र जी वस्तु परिगणन शैली की मधुर रचना के लिए बधाई
किसी को यों ही नहीं कहा जाता … वरिष्ठ.
जिम्मेदारी से निभाया गया एक साहित्यिक फ़र्ज़.
वाह !
@Harish Chandra Lohumi
Parminderji,
Very fine lyrical, musical flow of meaningful words that drive home your assessment of true music. Very appealing.
Kusum
अति सुन्दर उत्कृष्ट प्रशंसनीय रचना
स्वाभाविक था पढ़कर कर मन का ही संगीतमय हो जाना
बहुत खूब
Hearty Kudos
really gr8 poem ma’am!!!!
music is truly sumthing to be discovered everywhere in nature!!!!
Thank you all for such encouraging words. Four months of absence and such a reward!! I am grateful to all of you.
nice Poem
Hearty congratulations, the winner.
@medhini, Thanks a lot Medhini!
congrats for such a good poem. You deserved it.
Hi
Loved it .the difference in language gave you wider range loved these line very muchनेत्र-विहीन सूरदास बिन देखे इश्वर के गुण गाते रहे,
ऐसी भक्ति रस भरी जो ह्रदय में घर कर जाए,
वही समर्पण संगीत कहलाये!
Great job
sarala
Congrats Madame