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न हो ख़ुदारा तबाह दुनिया
Hindi Poetry |
हुई बमों का कडाह दुनिया
न हो ख़ुदारा तबाह दुनिया.
जो ठहरे खल्के खुदा के कातिल
रही उन्हें ही सराह दुनिया.
सुने तो सिक्कों की सिर्फ खन खन
न मुफलिसों की कराह दुनिया.
बना के शैतां को एलची ये
सुने उसी की सलाह दुनिया.
घड़ी करीब आई रुखसती की,
दे छोड़ करना अब आह दुनिया.
गुनाह वजहे सवाब समझे
सवाब वजहे गुनाह दुनिया.
खल्के खुदा-भगवान् की सृष्टि मुफलिस-विपन्न ,एलची-दूत,सलाहकार, रुखसती-विदाई, सवाब-पुण्य फल,
वाह वाह बहुत बढ़िया और हार्दिक
ज़न्नत सी थी पहले जो ये
इन्सां ने की तबाह दुनिया