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मेरे भगवन पास यूं मेरे ….! ( Bhakti Song)
Hindi Poetry, Podcast |
नाम साधना की अनुभूति और प्रेरणा में उभरा हुआ मेरा यह पुराना गीत इसके नए विडिओ रेकॉर्डिंग तथ पॉडकास्ट के साथ प्रस्तुत और शेयर करने में खुशी महसूस कर रहा हूँ ….
मेरे भगवन पास यूं मेरे ….!
जप नाम की है ये महिमा,
रहें स्वामी साथ ही मेरे,
नारायण पास हैं मेरे,
दिन रात और सांझ सवेरे,
हर जनम जनम के फेरे,
मेरे भगवन पास यूं मेरे ….!
मुझे यहाँ वहाँ ले जाते हैं,
मेरा काम वोही करवाते हैं,
मेरी बुद्धि क्या मैं निमितमात्र ,
मेरा अच्छा वोही समझते हैं,
मुझे ज्ञान वोही सब देते हैं,
वोही मात पिता सम मेरे,
मेरे भगवन पास यूं मेरे ….!
जब जब मैं उनसे दूर हुआ,
दुःख मैंने खुद ही मोल लिया,
और अंहकार के फंदे में,
माया और मोह ने घेर लिया,
मुझे क्रोध लोभ ने घेर लिया,
यह ज्ञान हुआ अब मेरे,
मेरे भगवन पास जो मेरे ….
यही साथ उन्हीका बना रहे,
वोही आसपास और मन में रहें.
निर्भयता से सत्कार्य करुँ,
भय, अन्धकार, वोही दूर करें
सुख में दिन बीतत मेरे ,
अब सुख ही सुख मन मेरे
मेरे भगवन साथ जो मेरे ….!
जप नाम की है ये महिमा,
रहें स्वामी साथ ही मेरे,
नारायण पास हैं मेरे,
दिन रात और सांझ सवेरे,
हर जनम जनम के फेरे,
मेरे भगवन पास यूं मेरे ….!
” विश्व नन्द “
बहुत सुन्दर और Hi-tech भक्ति-गीत ! भाव-विभोर करने वाला.
@Harish Chandra Lohumi,
प्रतिक्रिया और प्रोत्साहन के लिए स-ह्रदय आभार
मेरी रचना और प्रयास को मिल गया सार्थकता का उपहार
आजकल आते नहीं कहाँ खो जाते हो बार बार
आपकी रचनाओं और कमेंट्स का हरदम रहता इन्तेजार
कुछ तो समय निकालिए p4p के लिए गर हो हमरे सच्चे यार
मत लेना अन्यथा, ये है सिर्फ प्यार, ना है फटकार … 🙂
जप की महिमा अपरं पार है |
रचना में भरा प्रभु का प्यार है |
उलटा जप भी करता बेड़ा पार है
भावों का भूका यह ईश्वर निराकार है |
बधाई |
@dr.o.p.billore,
रचना पर आपकी सुन्दर काव्यमय टिपण्णी के लिए हार्दिक धन्यवाद