« मैंने सपने लेना छोड़ दिया है. | ਪੇੜ पेड़ Tree » |
करुण पुकार
Hindi Poetry |
मैं जब जब कष्ट में आया पुकारा आपको भगवन |
दया इस बार भी करदो निहारा आपको भगवन ||
सघन संकट है कुछ भी सूझता ही है नहीं भगवन |
यहाँ कोई नहीं मेरा सहारा आप हो भगवन ||
बहुत मै सह चुका अब तक नहीं अब और क्षमता है |
न लो इतनी कठिन मेरी परीक्षा ओ मेरे भगवन ||
जो इस दुनिया में आया है, पता नहीं कौन-कौन से इम्तहानों से गुजरेगा| एक वोही है जो सहनशक्ति प्रदान करता है, मुस्कुराते हुए मुश्किल क्षणों को पार करने की|
रहस्य है गूढ़, क्यों आते हैं ये कष्ट,
यह राज़ जो हो स्पष्ट, हर दुःख हो जाए दूर|
बहुत सुन्दर प्रभु प्रार्थना
रचना को है वन्दना
प्रभु को प्रेम से करें प्रार्थना वो सब कुछ सुलझाते हैं
सुख दुःख जीवन में मिथ्या हैं, राह वो ही समझाते हैं
प्रभु पर निर्भर रहकर हमको अपना कार्य निभाना है
प्रभु चरणों में स्थान है पाना, और कहाँ हमें जाना है ?….