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जहाँ तक दुनिया होए ख़तम….
Hindi Poetry |
जहाँ तक दुनिया होए ख़तम …..
तेरी इन भोली आँखों में, मै अपने को खोऊं कितना,
तेरे इन मीठे होटों से, पीऊँ भी और अब कितना,
कि अब तक भरा नहीं मन ये, न होती प्यास भी कुछ कम,
तुम मेरे पास रहो ऐसी, जहाँ तक दुनिया होए ख़तम …..
तेरा ये हाय! मुसकाना, यूं हँसाना और शर्माना,
न तेरे हुस्न से बढकर नशे का कोई मयखाना,
उड़ गए होश अब मेरे, हुआ है नशा अभी ना कम,
तुम मेरे पास रहो ऐसी, जहाँ तक दुनिया होए ख़तम ….
तेरी इन बाँहों को पाकर, लगे सब स्वर्ग सा मुझको,
सिमट आयीं मेरी बाँहों में तुम, वरदान हो मुझको,
तेरी जुल्फों को, गालों को, इन होटों को सराहें हम,
तुम मेरे पास रहो ऐसी, जहाँ तक दुनिया होए ख़तम………….
VishVnand
sringaarik kavita hai.good.
hamaari due hai ki is nashe me aap khoye hi rahen ! 🙂
Smitten by love?! Beautifully written! 🙂
Keep posting!
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