« Kindly confirm ….! | इंतजार मे तेरे, मेरे, आँखों से आंसू रूठ गए… » |
कोरा कागज
Hindi Poetry |
कभी बेखुदी में
यूँ ही लिखकर मिटा देना
तेरा नाम कोरे कागज पर
ये मेरी दीवानगी है
मुझे ख़बर है
तू चाँद है मै ज़र्रा हूँ
नही पा सकता तुझको
मगर फिर भी
दिल के किसी कोने में
इक बेबाक सी ख्वाहिश है
के यूँ ही बेखुदी में
कभी तू भी लिखे
मेरा नाम कोरे कागज पर
dubara mat likhna,,samanjhne me 2 din lage. ..just kidding yaar
..nice yaar,,try more..yes,,its touch to my heart..
bahut sunder…. swagat hai yahan aapka….
“कभी बेखुदी मै” kripya yahan main ki jagah mein kar lein… kavita bahtu sunder bann padi hai…
एक सुंदर रचना, भावपूर्ण रचना- लेकिन आप तो उसका नाम लिख कर मिटा देते हैं और उनसे उम्मीद रखते हैं कि वो भी कभी आपका नाम लिखें-किसके लिए- इसी पर मेरी नई पोस्ट पर गौर करें – वैसे प्रयास के लिए बधाई
अच्छी रचना, बड़ी मनभावन. बधाई
विचार आया, अगर कोरे कागज़ के बदले साफ़ स्लेट हो तो लिखने और मिटाने ज्यादा सुविधा होगी और title भी “कोरी स्लेट ”
P4poetry पर आपका हार्दिक स्वागत. Looking forward to more poems from you
आपका प्रोफाइल भी कोरा है. अपने बारे में जरूर कुछ बताइयेगा.
acha likha hai kra kagaz kora na raha
achi kavita likhi hai apne
Welcome to P4poetry ! Nice write