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जनाजा मेरी मोहब्बत का, तेरे अश्को से होकर गुजरेगा
Crowned Poem, Hindi Poetry |
जनाजा मेरी मोहब्बत का , तेरे अश्को से होकर गुजरेगा
इन अश्को को मोती बनाकर, तेरे दामन को भरने की चाहत है ||
इन अश्को को मोती बनाकर, तेरे दामन को भरने की चाहत है ||
दुआए तेरी खिदमत मे , मेरे मजनूने दिल से निकलेगी
इन दुआओं को खुशियो से सजाकर , तेरे होठो पे बसने की चाहत है ||
इन दुआओं को खुशियो से सजाकर , तेरे होठो पे बसने की चाहत है ||
कर सितम चाहे तू जितना, तेरा हर सितम एक प्यार है
गम का दे संसार मुझे तू , पर मुझपर , बेअसर बेकार है ||
तकाजा मेरी बातो का , तेरी बातों मे हरपल झलकेगा
इन बातों को गीत बनाकर , तेरे मन मे उतरने की चाहत है ||
तजस्सुस मेरे दिल की कभी , तेरी ख्वाइसे बनकर उभरेगी
इन ख्वाइशो को हकीकत बनाकर, तेरे दर पे मरने की चाहत है ||
चीर कर दिल को मेरे , तू देख जरा कतरे का नूर
हर कतरे मे तेरा ही रंग है , रूप से है तेरे मगरूर ||
अरमां मेरे बनकर सितारे , तेरे कदमो को आकर चूमेगे
इन कदमो को मूरत बनाकर , पल पल पूजने की चाहत है ||
असहार का आफताब मेरा , तेरे जागने से ही चमकेगा
नूरे शम्स को बिंदिया बनाकर , तेरे माथे पे सजने की चाहत है ||
चाहे तू कर जा मुझसे बेमुरव्वत बेवफाई कही
रूह मेरी फ़िर भी तुझको , दे जायेगी दिलजमाई कही ||
पैमाना तेरी नफरत का , मेरे लहू मे घुलकर महकेगा
इन फूलो को रक्त रंग कर ,तेरे जुल्फों मे सजने की चाहत है ||
जनाजा मेरी मोहब्बत का , तेरे अश्को से होकर गुजरेगा
इन अश्को को मोती बनाकर, तेरे दामन को भरने की चाहत है ||
इन अश्को को मोती बनाकर, तेरे दामन को भरने की चाहत है ||
भई मजा आ गया,
ख्यालों में जज्बात की ये कैसी खूबसूरत उड़ान है ,
दिल लिखना तो बहुत चाहे, पर दिल से कहता ‘वाह वाह’ है
bahut khoob… 🙂
आँखों से बहते अश्को मे , मोती दिखलाने आया हू … जख्म दिए है दुनिया ने जो , घाव वो भरने आया हू … दिल से जो होती है बातें , वो बतलाने आया हू … मीलो पैदल चलकर तुमको , तुम से मिलवाने आया हू …
ye line apke profiel me mili..achi lagi
aur ye do sher bhi bhaut khub hai..poori gazal padne ko mil jati acha lagta vijay ji..
abhi apne commnt me likha tha apka nam pucha tha magar pphir apka naam mujhe yahi se pata lag gya…
dard ka dayra hai shayd jisko langhne ki koshishe hai apki rachnaye
ghayal ki saugat aapki achhi gazal kke liye
apni mahobbat ko tum ab kis tarah chupaoge
ashkon ke saath gubaar se tum bah jaoge
duaao se dil ko mil ne sakega sukun yahan
laut kar fir gulshan se sahra may chale aaoge
Bahaut Khoob jay… 🙂 Dil chu liya aapki gazal ne… 🙂 Keep it up.. 🙂
@Golden Girl, Thanks GG
तकाजा मेरी बातो का , तेरी बातों मे हरपल झलकेगा
इन बातों को गीत बनाकर , तेरे मन मे उतरने की चाहत है ||
चाहत के फूलों से सजी एक बहुत ही सुंदर नज्म – pdkr achhaa lga -bdhaaee
@sushil sarna, Thanks you Sir Ji
manti hun ki tanhaiyon me bhi aawaz hoti hai,per itna dard kun??????????????????????????????
@nidhi, Are fir se pado, yaha par dard nahi apni mohabbat ke liay samarpan hai …
me bhi bas yahi puchna chahti hu…..
mene apne sir ko ese to nahi dekha tha kabhi..
“ek halki si hasi par inki kitne hi dil kurban the
jidhar se gujar te the wanha inke charche aam the
par barso bad samna huwa to laga………..
hum apne hi sir se anjan the”
plz bataiye to kya bat he
@bhoomika, Are koi Baat nahi hai , maano to din ,nahit to andheri raat hai …