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जिंदाबाद ….!
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जिंदाबाद ….!
जिन्ना
जिस व्यक्ति ने
चाहे कुछ भी कहिये,
स्वार्थ कहिये, कट्टरता कहिये,
अपने दावपेंच से, बुद्धि से,
अन्य लोगों की कमजोरी से, मदद से
विचारवंत हिन्दुस्तान का बँटवारा करवाया,
उस व्यक्ति के नाम और करतूतों का जिक्र
इतने सालों बाद आज भी
अपने देश के लोगों की विचारधारा में
राजनितिक पार्टियों में
बँटवारा करवाता है,
झगडा करवाता है
कितना महान वक्तित्व है,
भले वो अच्छा हो या बुरा हो
कुछ तो जरूर है …..
लगता है जिन्ना नाम
अभी भी बहुत ज़िंदा है
और आबाद है
अपने देश में ….
Lovely poem. Very true sir.
@medhini , thank you very much for your comment & appreciation.
वास्तविकता को निष्पक्ष रूप से रचना में चित्रित करने के लिए बधाई सर जी.
@sushil sarna
यही प्रतिक्रया मैं सुनना चाहता था. आपकी टिप्पणी ने ये लिखना सार्थक कर दिया. आपका तहे दिल से शुक्रिया.
aha a gud rite
@rajdeep Thank you very much
Well, a good write up.
लेकिन दोष जहाँ जिन्ना का था वहीँ अपने भी कुछ सिक्के खोटे थे जो इस बँटवारे का कारण बने थे.
@Raj
शुक्रिया, आप बहुत ठीक कह रहें है पर यही कहने से तो आज भी बड़ा बवाल मच जाता है, जैसे हमारे पुराने नेता सर्व गुण सम्पन्न थे कुछ गलती कर ही नहीं सकते थे. हम भूल जाते हैं की बड़ों की छोटी गलतिया भी, चाहे वो जिस कारण की गयी हों, बहुत बड़ा रूप धारण कर लेती हैं. छोटों की बड़ी गलतिया भी कुछ नहीं बिगाड़ती और सम्हाली जा सकती हैं. और इन बड़ों की गलतियों का भुगतान हर आने वाली पीडी को करना पङता है उसे side track. नहीं किया जा सकता और हम ये भुगत रहे हैं..
Completely agree with you.
राज ने कहा है वो ही सच के करीब है.जिन्ना एक राष्ट्रवादी नेता थे किन्तु हमारे देश के ही कुछ नेताओं ने अपनी दबी भावना और महत्वाकांक्षा के कारण उसे विवश किया की वह पृथक राष्ट्र बनाने के मार्ग पर चले .
इतिहास अपने आपको दोहराता है यही सब कुछ फिर पाकिस्तान के साथ हुवा .पश्चिमी पाकिस्तान का भुट्टो नहीं चाहता था की पूर्वी पाकिस्तान का मुजिबुर्र्रह्मन पाकिस्तान का अगला प्रधान मंत्री bane ,jabki bahumat के कारण mujib का pradhanmantri banna lagbhag tay था ,,parinaam samne है bangla देश का janam हुवा.
halanki जिन्ना हमारे dushman देश पाकिस्तान से sambandhit है tathapi ये तो कहा जा सकता है की वो अपने kaum का ,अपने dal का wafadar sipahi था.अगर congress के एक नेता की pradhanmantri की महत्वाकांक्षा jagrat नहीं होती तो पाकिस्तान-भारत एक होते.
जिन्ना अपनी जगह सही था.batware का कारण एक congress नेता की महत्वाकांक्षा थी.jisne इतिहास dhyan से padha है वो इस बात की pushti कर सकता है.