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हाय-कु (पांच और)
Hindi Poetry |
हाय-कु (पांच और)
१.
हवाएं सर्द
बेपर्दा मजबूरी
हँसता मर्द
२
घर का भार
नुचते बदन से
बेबस नार
३.
दिल का रोग
उसने दिया अब
तू ही भोग
४.
करो कबूल
गलत मांगे आम
बोया बबूल
५.
तपता जून
गर्मी दिखा गया
जवान खून
—–सी के गोस्वामी(चन्द्र कान्त) जयपुर