« रावण के मुख से (दशहरे के दिन) … | घर का भेदी » |
संकल्प
Hindi Poetry |
जो मुझे अच्छा लगे,
वह आपको भी भा जाए,
ज़रूरी तो नहीं।
बिल्ली चूहे के संग,
दोस्ती करे,
ऐसी लाचारी तो नहीं।
घोड़ा -घास के साथ,
मित्रता करे,
ऐसी मज़बूरी तो नहीं।
वोट दे न दे,
गल्त को दे,
ऐसे हालात तो नहीं।
दुनिया बदले या न बदले,
हाथ पर हाथ धरे रहना,
कोई हल तो नहीं।
सही करने की ठान लो,
हर्जाना चुकाना पड़ेगा,
यह नया विकल्प तो नहीं।
बहुत अच्छे, बहुत बढिया,
विचारों को प्रवृत करने का ये अंदाज़ बहुत मन भाया.
वोट दें न दें
गल्त ही जीतें,
ऐसे हालात अच्छे तो नहीं.
@Vishvnand, very witty and most appropriate comment. ‘satik samiksha.’ thank you.