प्यार का समुंदर
प्यार का समुंदर आया था इसपार,
लहरों में था उसके छलकता प्यार अपार.
पूछा हमसे क्या उतरोगे हमारी गहराई में ?
या डूबना चाहोगे यहीं साहिल पे.
लहरें भी हमसे टकराकर जैसे अंदर खींचती,
कहती साहिल नहीं नापो गहराई हमारी.
हमने कहा हम तो न जानें तैरना,
क्या संभव है प्यार के सैलाब को पार करना ?
कहा उन लहरों ने बडे प्यार से हमसे,
उतरो बस एक बार प्यार के समुंदर में दिल से,
डूबोगे जितना इस प्यार की गहराई में,
तर जाओगे उतना इस गहरे सफर से.
खडे-खडे हम भी लहरों से बातें करते रहे,
लहरें भी बातों-बातों में हमें अंदर खींचती रहीं.
पीछे मुड़कर जो देखा तो साहिल नजर न आया,
नीचे प्यार का अनंत समुंदर था गहरा,
ऊपर चादर ओढे आसमान था गहराया.
गहराई में जाकर मिले अनगिनत प्यार के सीपी,
सीपियों में बंद था अनमोल प्यार का मोती.
मोतियों ने कहा अपनाकर हमें बना लो अपने तन की ज्योति,
निखरेगा इस सच्चे प्रेम से तन ही नहीं मन भी तुम्हारा.
हो हकदार प्यार के, तुमने जो हमें गहराई से निकाला,
वरना था बंद सदियों से,सीपियों में प्यार का पिटारा.
तुम इस पवित्र, सच्चे प्रेम को कभी न ठुकराना,
उसकी पवित्रता में तुम भी सदा युं ही पवित्र रहना….
राजश्री राजभर………
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Wel Come Back…..Rajshree jee
aur ek bahut hi sunder rachna….
sachmuch sayad aisa hi hota hai PYAR
hamari taraf se rachna ko 4 STAR****
thank u so much Raviji for ur best comments
बहुत खूब. और एक बेहतरीन कविता .
सच में ये कविता और इसमें उदित विचारों का अंदाज प्यार का पवित्र समुन्दर सा ही लगा .
रचना के लिए हार्दिक बधाई .
Thank u so much sir for encouraging me. U r like a poet’s god.
Well written and very well expressed meaning.
thank u so much sir for understanding my thoughts.
Bahut sundarata samete hai rachna…….
thank u so much sir for ur beautiful comments
loved it
thank u so much rajdeepji…
Thanks dear.Beautiful thoughts like you.May i know to whom this is dedicated to?take care.
Thanks alot my dear husband…………….miss u..
sunder rachna.
Thank u so much sir.
Love ki is image ko bahut accha se kavita ke madham se sajaya hai aapne Thank’s