तन्हाई का डर
मिला वो भी नहीं करते
मिला हम भी नहीं करते
वफ़ा वो भी नहीं करते और
दगा हम भी नहीं करते
उन्हें रुसवाई का दुःख
हमे तन्हाई का डर
हँसा वो भी नहीं करते
रुलाया हम भी नहीं करते
गम है उन्हें ये हम जानते है पर
गिला वो भी नहीं करते
और सिकवा हम भी नहीं करते
किसी मोड़ पर हो जाती है मुलाकात अक्सर
पर रुका वो भी नहीं करते
और ठहरा हम भी नहीं करते
जब भी नयन मिलते है उनसे
तो सोचते है मुस्करा कर कहेंगे उनसे
पर मुस्कराया वो भी नहीं करते
और कहा हम भी नहीं करते
संदेह कई है इस दिल में
पर सुना वो भी नहीं करते और
पुछा हम भी नहीं करते
इश्क है हमे ये वो जानते है
पर इन्तजार वो किया नहीं करते
और इजहार हम किया नहीं करते
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वाह संजय जी
बहुत बाद पर बहुत खूब,
बहुत बढ़िया और मनभावन
बड़े ही खूबसूरत अंदाज़ और अति सुन्दर हार्दिक भावनाओं से भरी और वो भी सरल रचना,
दिल खुश हो गया…
इसका हम इकरार भी करते हैं और इजहार भी ..
“संदेह कई है इस दिल में
पर सुना वो भी नहीं करते और
पूछा हम भी नहीं करते ….
इश्क है हमे ये वो जानते है
पर इन्तजार वो किया नहीं करते
और इजहार हम किया नहीं करते …”
…. बहुत खूब क्या बात है
प्यार में हम ऐसा ही क्यूँ किये रहते…?
वैसे कुछ ख़ास नहीं पर कुछ थोड़े शब्द गलत छपे हैं उन्हें एडिट कर सुधार दीजिये
thank you sir ji
wo mai utranchal ki kuch hasin vadiyo me man ko prafullit karne gaya tha
to ab aa kar sari rachnao ko pulish kar raha hu
thank you again sir ji
अच्छा इज़हार है. आपकी बाकी कविताओं का इंतज़ार रहेगा.
@vmjain, thanks sir ji
maine pahle bhi kavita publish ki hai
bs beech me kuch mahine se nahi ki hai
so plz unki taraf bhi apni kavi nazar daliyega
किसी मोड़ पर हो जाती है मुलाकात अक्सर
पर रुका वो भी नहीं करते
और ठहरा हम भी नहीं करते
ये मध्य पंक्तियाँ वाक़ई मेरु दंड की तरह हैं जो कविता के शरीर को संभाले हैं.
थोड़ा बहुत पंक्तियों पर पुनर्विचार करेंगे तो व्यक्तता और बेहतर होगी, ऐसा मेरा निजी सुझाव है.
आपको एक व्यक्तिगत सन्देश लिखा है, आशा है वह पढ़ लेंगे.
@Reetesh Sabr, thnks sir ji
@Reetesh Sabr,
sir ji aapka koi private msg muje nahi mila hai
dubara bejne ka kast kare ya phir use padne ki
process bata de
गजब मेरे भाई गजब – सरल बात, सरल भाषा – सरल भावों का निराला अंदाज-समाँ बाँध दिया- सरना की हार्दिक बधाई स्वीकार करें नेगी साहिब
@sushil sarna, thnks sir ji
बहुत खूब संजय मज़ा आ गया .
@U.M.Sahai, thanks sir ji aapki kavita bhi bahut mazedaar hoti hai
@Sanjay singh negi, धन्यवाद, संजय, तुम औरों की कविताओं पर भी अपनी प्रतिक्रिया दिया करो. Just keep sharing.
@U.M.Sahai, vaishe mai deta to hu sir ji
pr aage se mai is baat ka jarur khayal rakhunga
good one!
@rachana, thank u
rachna ji aapki rachna bhi bahut hi mazedar hoti hai