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पापी कौन ?
Hindi Poetry |
पापी कौन
सेक्स स्कैंडल में फंसा गुरु तो
गुरु से पूछे सारी कॉम
है आखिर में पापी कौन
चोर बदमास सब गुरु बन जाते
नित नयी माया से बहलाते
शोषण करते नारी का यौवन
है आखिर में पापी कौन
कल तक जिसको कहते थे ज्ञानी
शक्तियां जिसकी सारी थी मानी
सीता हरण से पहले आया
चोगे में ये रावण कौन
है आखिर में पापी कौन
दो चार चेले नित सेवा करते
धन को चमत्कारी झोले में बरते
प्रभु के नाम पर करते ढोंग
है आखिर में पापी कौन
गुरु जी का क्या इसमें दोष
भक्तों को जब नहीं है होश
पापी तो हम सब है मौन
हम से बड़ा है पापी कौन
है आखिर में बात ये सच्ची
पाप करने वाले से तो
पाप कराने वाला बड़ा होता है
हजारो महापपियों के सम्मुख
एक तुच्छ पापी खड़ा होता है
अच्छा कटाक्ष है. पंक्तियाँ अच्छी लगी. खास तौर पर
“गुरु जी का क्या इसमें दोष
भक्तों को जब नहीं है होश”
@vmjain, thnks jain ji
i like your sarcastic style of writing! good one!
@rachana, thank u 4 comment
अच्छी रचना, संजय
सुन्दर अर्थपूर्ण रचना,
हार्दिक बधाई
सेक्स स्कैंडल में फंसा गुरु तो
गुरु से पूछे सारी कॉम
है आखिर में पापी कौन,
मेरा कहना यह है…
राम भी हैं और हैं रावण
दोनों को परखें पर रावण,
रावण को सब रावण दिखते,
रावण की करतूत दिखाकर,
दोनों को बदनाम हैं करते,
ऐसे में अब आप बताएं,
जो राम हैं क्या कर सकते ….
खुद ही अब तो समझ लीजिये
आखिर ये हैं पापी कौन..
पापियों के प्रोग्राम में,
पापी को पहचाने कौन…
@Vishvnand, thnx for comment sir ji