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प्यार कर के जताना ना आया हमे

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Hindi Poetry

प्यार कर के जताना ना आया हमे
दिल की बात बताना ना आया हमे
आज हम पराये हो गए किसी के
और अश्क भी छुपाना ना आया उन्हें
दिल की बात बताना ना आया हमे

गमो में रहते थे वो अक्सर
गम का अहसास करना ना आया हमे
प्रेमी पथिक कहते थे हम उनको
पर पल भर का साथ निभाना ना आया उन्हें
दिल की बात बताना ना आया हमे

प्यार तो कहानी है अहसासों की
इस कहानी का नायक बनना ना आया हमे
हम तो हीर बन गए राँझा की
पर  हीर की राँझा बनना ना आया उन्हें
दिल की बात बताना ना आया हमे

मुहब्बत में फना हो बैठे थे हम
पर मतलब – इ – इश्क समझाना ना आया हमे
भूल से जो भूल कर बैठे थे हम
इस भूल की कीमत भी चुकाना ना आया उन्हें
दिल की बात बताना ना आया हमे

पीछे हटे थे उनकी खुसी के लिए
पर हर एक भूल का इंतकाम करना ना आया हमे
जिस जां के लिए कुरवा हुवे थे
उस जां की कीमत भी समझना ना आया उन्हें

प्यार जुवां से बताना ना आया हमे
और प्यार जिन्दा रखना ना आया उन्हें
दिल की बात बताना ना आया हमे
प्यार कर के जताना ना आया हमे 

6 Comments

  1. Vishvnand says:

    रचना का अंदाज़ बहुत भाया,
    पर लगा कि इसमें अगर और थोड़ा संशोधन और refinement करें तो ज्यादा अच्छी कविता और एक सुन्दर गीत बन सकता है.
    ये सिर्फ व्यक्तिगत मत है, वरना रचना तो अच्छी सी है ..

  2. Ravi Rajbhar says:

    very nice 🙂

  3. Sanjay singh negi says:

    thnks sir ji

  4. siddha Nath Singh says:

    छंद में अनगढ़पन और लयभंग कविता के प्रवाह को रुद्ध करते हैं.अगर ओपनिंग लाइनें यूँ होतीं तो बात बनती.
    दिल की बातें बताना न आया हमें.
    प्यार करके जताना न आया हमें.
    हो गए हम पराये किसी के लिए
    और आंसू छुपाना न आया हमें.
    गम में रहते तो थे मुब्तिला हम मगर
    गम में पर डूब जाना न आया हमें.
    प्यार रुदाद है सिर्फ अहसास की
    ये कहानी सुनाना न आया हमें.
    हीर रांझे की बन जाऊं हसरत तो थी
    हीर बनना बनाना न आया हमें.
    —-आदि आदि, सोचियेगा क्या कुछ बेहतरी बन पड़ी या आप की मूल कविता ही बेहतर लगी.

    • Sanjay singh negi says:

      @siddha Nath Singh,
      thnx fo comment
      sir ji aapke sujav or vichar kiya jayega
      pr humari to itni achii hindi nahi hai
      bs souk hai hai saral bhasa me likhne ka
      to likh dete hai
      aapki sangti me rah kar sikh rahe hai abhi likhna
      thnx

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