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मुझे इंसान से मोहब्बत है
Hindi Poetry |
न चेहरे से मोहब्बत है, न उम्र से मोहब्बत है,
मैं इंसान हूँ मुझे हर इंसान से मोहब्बत है,
चेहरा तो धोखा है, रंग में क्या रखा है,
मुझे चेहरे के पीछे छिपे इंसान से मोहब्बत है,
उम्र पे किसका जोर है, हर लमहा ये बढ़ता जाता है,
मुझे बढती उम्र के पीछे छिपे उस दिल से मोहब्बत है,
कोई सिख है कोई इसा है कोई हिन्दू कोई मुसल्मा है,
मुझे भागवान के बनाये हर इंसान से मोहब्बत है…….
मानव ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति है |मानवता से प्रेम करना ईश्वर की सच्ची भक्ति है |
श्रेष्ठ रचना बधाई |
@dr.o.p.billore,
बहुत बहुत शुक्रिया डॉक्टर साहब.
उत्तम रचना, बधाई, ह्रदय
@U.M.Sahai,
बहुत बहुत शुक्रिया sahai जी
मानवता के प्रेम एक अच्छी कृति.
@vmjain,
शुक्रिया जैन साहब
असली मोहब्बत का बहुत सुन्दर बखान है,
ह्रदय को हर ह्रदय से मोहब्बत है,
जैसा कि हर ह्रदय को आज करने की जरूरत है …
बढ़िया अर्थपूर्ण रचना
हार्दिक बधाई
@Vishvnand,
बहुत बहुत शुक्रिया sir .