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वक़्त और जिंदगी
Hindi Poetry |
जिंदगी, जिंदगी भर उस दिन के इंतज़ार में
जिंदगी जीती रही
, जिस दिन जिंदगी जीने
के काबिल जिंदगी हो जाये
और वक़्त ,
वक़्त-बेवक्त
उस वक़्त का हर वक़्त
इंतज़ार करता रहा
के वक़्त वो आये
जब सुकून से
सारा वक़्त कट जाये
क्या खूब बात कही है, विनय , बधाई. वैसे जब ज़िंदगी जीने लायक हो जाती है तो भी आदमी को सुकून नहीं मिलता है और वो हर वक़्त और अच्छे-और अच्छे वक़्त की तलाश में अपना वक़्त बर्बाद करता रहता है.
वक़्त और ज़िन्दगी का अनावश्यक दुहराव है,
पर यही दुहराव से करने से कहीं कहीं अर्थ का अभाव है
@siddha Nath Singh, सीधे शब्दों में मेरी कविता का अर्थ है की हम वक़्त का इंतज़ार करते हैं और वक़्त हमारे कुछ करने का