« »

मेरा भेजा फ्राय ….!

1 vote, average: 4.00 out of 51 vote, average: 4.00 out of 51 vote, average: 4.00 out of 51 vote, average: 4.00 out of 51 vote, average: 4.00 out of 5
Loading...
Hindi Poetry

मेरा भेजा फ्राय ….!

सबका अपना अपना भेजा है
भेजे में कितना कुछ भरा है
फिर भी भेजे में हम कितनी बातें नहीं समझ पाते हैं
और फिर बेकार को अपने भेजे को कोसते रहते हैं

अपना भेजा ही समझाता रहता है
भगवान ने हमें दुनिया में भेजा है,
पर ऐसा भेजा ही नहीं दिया है
कि हम दुनिया की सारी बातें भेजे से समझ सकें
हमें भगवान् ने भेजा जरूर है
पर हमारा भगवान् सा भेजा नहीं है

भेजा है हमें यहाँ मिलजुल कर प्यार से रहने
और प्यार से अपने भेजे में जितना समझ सकें समझने
ऐसी समझ जो हमें बेकार के लड़ने झगड़ने और हिंसा से रोके
प्यार और भाईचारे से मिलकर सत्कार्य करने प्रवृत करे
जीवन का ऐसे आनंद लेते हुए जीवन व्यतीत करे

बस इसीके लिए हमें यहाँ भेजा है
और इसी के लिए भेजा भी दिया है
ये बात हमें अपने भेजे में बिना भूले याद रखना है
बेकार अपने भेजे को कोसना बुरी बात है
और अपने भेजे का अहंकार भी बहुत गलत है
अपने  भेजे  से  कोई  गलत  काम  करना  और  भी  बुरा….

बड़े प्यार से मेरे भेजे ने अपने भेजे से ये मुझे कहा है
जो मैंने भेजे के कहे नुसार यहाँ लिख दिया है
बहुत ट्राय करके भेजे ने मेरा ये फ्राय किया है …
ये  मेरा भेजा फ्राय है, आनंद लीजिये ….!

” विश्वनंद ”

12 Comments

  1. H.C.Lohumi says:

    Nice..Congrats…..
    Swaadist Bheja fry bhejaa hai sir.
    (Gustaakhi maaf (just fun…) – bhejaa fry kaa podcast banaakar bhi bhejaa jaa sakataa hai kya?

    • Vishvnand says:

      @H.C.Lohumi
      आपकी भेजी प्रतिक्रिया ने भेजे को सुकून दिया. बहुत बहुत धन्यवाद.
      और “मेरा भेजा फ्राई ” का podcast भेजा सोच रहा है अब तक ठीक नहीं उतारा है … 🙂

  2. sushil sarna says:

    सर जी आपने तो पूरे “भेजे” की सर्जरी कर डाली-हर पंक्ति पर चेहरा अलग अलग भाव बनाता रहा कभी मुस्कुराया,तो कभी वास्तविकता पर सोचने लगा- खैर रचना को मन को उद्वेलित कर गयी – हार्दिक बधाई

    • Vishvnand says:

      @sushil sarna
      आपकी भेजी प्रतिक्रिया से भेजा बहुत आनंदित और प्रोत्साहित हो गया है और आपको हार्दिक शुक्रिया भेज रहा है.

  3. siddha Nath Singh says:

    भेजे का भेजा हुआ रखिये सदा सहेज
    भूले तो जाने कहाँ दे ये तुमको भेज .
    किया विदा जब पिता ने घर से देकर बड़ा दिमाग
    बक्सा इतना बड़ा थमाया पर बख्शा न दहेज़
    आप की रचना से प्रेरित होकर हमने भी कुछ कहने की गुस्ताखी kar दी माफ़ करियेगा, मजेदार रचना के लिए बधाई लीजिये.

    • Vishvnand says:

      @siddha Nath Singh
      आपकी भेजी प्रतिक्रिया और आपकी गुस्ताखी दोनों से भेजा खुश है और आपको स-आभार धन्यवाद भेजा है…

  4. rajdeep says:

    ha ha
    loved it sir

  5. Sushil Joshi says:

    वाह शानदार भेजा फ्राई है यह। अति सुंदर.. आदरणीय विश्वानंद जी, कुछ मेरे भेजे में भी इसी तरह के नए-2 विचार भेज दीजिए जिससे मैं व्यर्थ में दूसरों का भेजा न खाऊँ।…………….

    • Vishvnand says:

      @Sushil Joshi
      कमेन्ट के लिए बहुत शुक्रिया. दूसरों का भेजा खाए बगैर खुद का भेजा फ्राय नहीं बनता. 🙂

  6. neeraj guru says:

    क्या भेजा फ्री है!!!!!!!!!!!!!,मज़ा तो आएगा ही.

    • Vishvnand says:

      @neeraj guru
      मेरा भेजा फ्राय आपने पसंद किया. इसके साथ मेरा धन्यवाद जो फ्री में है आपको भेज रहा हूँ. कबूल फरमाइए. 🙂

Leave a Reply