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वक्त …!!!

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Hindi Poetry

वक्त वक्त की बात है
एक वक्त था जब
तुम
मुझ में बसते थे
आज
तुम ‘याद’ आते हो
लगता
तुम थे तो
फूलों में
खुशबु थी
रंग थे
आज
सब बेरंग
बेस्वाद है
अब
न तुम हो
ना ही
वो वक्त है
आज
तुम नहीं
सिर्फ
वक्त ही वक्त है…
वक्त ही वक्त है ..!!

~०७/०७/१०~

10 Comments

  1. siddhanathsingh says:

    वाह, वक़्त ने किया क्या हसीं सितम,हम रहे न हम,तुम रहे न तुम.

  2. U.M.Sahai says:

    जब तुम थे तब वक़्त नहीं था, जब वक़्त है तब तुम नहीं हो. वक़्त ही वक़्त की पीड़ा को कम कर सकता है.

  3. Vishvnand says:

    मनभावन रचना
    बधाई

    ये ऐसी ही कहानी है
    लगता है जैसे वख्त और तुम्हारे बीच बड़ी दुश्मनी हो
    जब तुम हो वख्त नहीं है, जब वख्त है तुम नहीं हो
    आजकल सब ऐसे ही जिए जा रहे हैं तुम चाहो न चाहो…

  4. parminder says:

    कितना दर्द है इस छोटी सी कविता में! हर शब्द में जैसे दर्द गुंधा हुआ है!

  5. prachi sandeep singla says:

    loved it parul 🙂

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