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वक्त …!!!
Hindi Poetry |
वक्त वक्त की बात है
एक वक्त था जब
तुम
मुझ में बसते थे
आज
तुम ‘याद’ आते हो
लगता
तुम थे तो
फूलों में
खुशबु थी
रंग थे
आज
सब बेरंग
बेस्वाद है
अब
न तुम हो
ना ही
वो वक्त है
आज
तुम नहीं
सिर्फ
वक्त ही वक्त है…
वक्त ही वक्त है ..!!
~०७/०७/१०~
वाह, वक़्त ने किया क्या हसीं सितम,हम रहे न हम,तुम रहे न तुम.
@siddhanathsingh, haan yeh sach hai..kuch aisaa hi hota hai.. 🙂
जब तुम थे तब वक़्त नहीं था, जब वक़्त है तब तुम नहीं हो. वक़्त ही वक़्त की पीड़ा को कम कर सकता है.
@U.M.Sahai, haan shayad yeh sach ho.. 🙂
मनभावन रचना
बधाई
ये ऐसी ही कहानी है
लगता है जैसे वख्त और तुम्हारे बीच बड़ी दुश्मनी हो
जब तुम हो वख्त नहीं है, जब वख्त है तुम नहीं हो
आजकल सब ऐसे ही जिए जा रहे हैं तुम चाहो न चाहो…
@Vishvnand, :).. yehi toh pareshani hai sabh aisey hi jiye ja rahe hain..
कितना दर्द है इस छोटी सी कविता में! हर शब्द में जैसे दर्द गुंधा हुआ है!
@parminder, haan hai toh..lekin kya yeh sab ka yatharth nahin hai kya??
loved it parul 🙂
@prachi sandeep singla, thanks a lot 🙂