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होठो में छुपी तुम, मुस्कुराहट की तरह …
Hindi Poetry |
होठो में छुपी तुम, मुस्कुराहट की तरह
सांसो में बसी, हर आहट की तरह
सूने मेरे ख्वाबो में नजर आता है कोई
तुमसा हँसी, तुम्हारी बनावट की तरह
***
खयालो में उठते, नजारों की तरह
तुम यादो में घुलती, बहारो की तरह
अब सीने में मेरे उतर जाता है कोई
तुमसा हमनशी, तुम्हारी गर्माहट की तरह
***
उम्मीदों के जलते, चिरागों की तरह
तुम हरपल कहती, किस्सागो की तरह
अब आँखों में मेरे ठहर जाता है कोई
तुमसा महजबी, तुम्हारी सजावट की तरह
***
सुन्दर शीतल ताजगी की रचना
नयी वर्षा की पहली बूंदों की तरह.
बहुत मनभावन
हार्दिक बधाई
कहाँ थे, बहुत दिनों बाद…?
nice 2 c u vijay after a long tym wid dis refreshing poem 🙂 like it,,stay connected 🙂
good one.
Liked it.
kadu bhali chu.