मुझे हिंदी कविताएँ (विशेषकर हास्य) लिखना बेहद पसंद है और अपने इस लेखन के सफर में मैंने काव्य के अनेक रूप जैसे कविता, गज़ल, गीत एवं कव्वाली इत्यादि लिखे हैं मगर अभी भी मेरी कोई पहचान नहीं है सिवाय मेरे परिवार एवं कुछ सबंधियों तथा मित्रों को छोड़कर। मुझे लगता है कि आज के व्यस्त जीवन में दूसरों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाना बहुत कठिन है और मैं इसी का प्रयास कर रहा हूँ। आप सभी मेरी रचनाओं को पढ़कर कोई न कोई टिप्पणी चाहे वह नकारात्मक ही क्यों न हो, अवश्य दें जिससे मुझे अपने लेखन से खर-पतवार ढूँढने में सहायता मिल सके और मैं आपके समक्ष अपने लेखन का नित नया स्वरूप रख सकूँ।
मेरी सभी रचनाओं का आनंद आप मेरे ब्लॉग में ले सकते हैं जिसका पता है – http://kavisushiljoshi.blogspot.com/
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सही कहा आपने, सुशिल जी, इसीलिए ये कहावत कही गयी है कि:
Neighbour’s wife is always beautiful and
Love thy neighbour.
पर ये पडोसी पर भी उतनी ही applicable है जितनी कि आप पर.
अच्छी रचना अच्छा व्यंग. बधाई
ये तो तारीफ़ की सुशील जी ने पड़ोसन की
पर ध्यान रखिये हर पड़ोसी को अपनी पड़ोसन अक्सर ऐसी ही नज़र आती है … 🙂
@Vishvnand, हा..हा..हा…बहुत खूब सर। नहले पे दहला मारा है आपने। बहुत-2 धन्यवाद आपका
सही कहा आपने, सुशिल जी, इसीलिए ये कहावत कही गयी है कि:
Neighbour’s wife is always beautiful and
Love thy neighbour.
पर ये पडोसी पर भी उतनी ही applicable है जितनी कि आप पर.
@U.M.Sahai, हा..हा…हा…सहाय जी, सही कहा आपने। धन्यवाद आपका इस चेतावनी के लिए…