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आँखें!

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Hindi Poetry

1. आँखें मेरी दुनिया का झरोखा है
खोल दो तो अन्दर का आसमान साफ़ दिखता है
बंद कर दो तो अन्दर का मैल उभर आता है!

2. आपकी आँखें मेरे जीवन की मार्ग दर्शक है
इसकी रौशनी ही मुझे ले जाती है
उस ओर, जहाँ मेरी नियती खड़ी है!

3. तुम्हारी आँखें मेरे जीवन का प्रतिबिम्भ है
लौटा लाती है उन मधुर क्षणों की ओर
जो बाहें पसारे मेरा रास्ता तकती रहती है!

4. तुम्हारी आँखें नदी का ठहरा पानी है
मेरी हिचकोले खाती जीवन रूपी नाव को सहारा देती है
जो बीच मझदार फसी पड़ी है!

5. तुम्हारी आँखें बारिश के जुगनू है
काली बयार में, सहमी और लाचार खड़ी जो मैं
हाथ बढ़ा मुझे थाम लेती है!

9 Comments

  1. Santosh says:

    I appreciate your narration! Enjoyed reading the poem very much!

  2. Vishvnand says:

    बहुत खूब
    बहुत मनभावन

    उस सुन्दर गीत की याद आ गयी …
    ” तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है ”
    ज़रा “आँखों ” शब्द को आँखों से देखिये और ” Eyes ” को, कितना फर्क है …. 🙂

  3. Harish Chandra Lohumi says:

    बहुत सुन्दर रचना रचना जी,
    भगवान् हैं आँखें,
    शैतान हैं आँखें,
    कमजोर हैं आँखें,
    बलवान हैं आँखें,
    हर बात में इंसान की पहचान हैं आँखें.

  4. Raj says:

    Very well narrated.

  5. prachi sandeep singla says:

    nice one rachna 🙂

  6. U.M.Sahai says:

    अच्छी रचना, रचना.

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