« Let me be ‘ME’ | तुम ही कहो कि उससे कोई जा के क्या मिले » |
उदास यादों के झुरमुटों में वो झिलमिलाता शमा सा चेहरा .
Hindi Poetry |
उदास यादों के झुरमुटों में वो झिलमिलाता शमा सा चेहरा .
सफ़र के दर्दो थकन की खातिर सुकून परवर अमां सा चेहरा. (sukoon parvar amaan-shantiprad sharan)
मिटा न अब तक भी है ज़हन से , न वक़्त का कुछ असर हुआ है ,
वो वक्ते रुखसत हथेलियों में झिझकता छुपता जमा सा चेहरा.
न खोज पाए हदें हैं जिसकी उड़े जो ताईर तसव्वुरों के, (ताईर-पक्षी)
शरीर आँखों की कहकशां पर बिछा हुआ आसमां सा चेहरा.
वो कैफियत है अजीब तारी हरेक दिल में है जंग ज़ारी,
खिंची हैं तीरों सी उंगलियाँ और तना हुआ है कमां सा चेहरा .
लबों पे ठहरी हुई खामोशी पलक पलक में गुनाह्पोशी ,
जो चाँद जैसा दमक रहा था हुआ है काली अमा सा चेहरा. (अमा-अमावस्या)
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achchi lagi 🙂
@prachi sandeep singla, thanks, it was another version of my earlier post.
good one.
@U.M.Sahai, shukriya sir, for the kind words.