« सुन लीं बात हमार बलमवां | Let me be ‘ME’ » |
~@~चूप रहेंती हों तुम,
Hindi Poetry |
बोलतें हैं हम ,
चूप रहेंती हों तुम,
हँसती हों तुम ,
रोतें हैं हम ,
मिलतें हैं हम,
दूर रहेंती हों तुम,
फिर भी क्यों याद आती हों तुम !!!!!
"किशन"
« सुन लीं बात हमार बलमवां | Let me be ‘ME’ » |
Hindi Poetry |
बोलतें हैं हम ,
चूप रहेंती हों तुम,
हँसती हों तुम ,
रोतें हैं हम ,
मिलतें हैं हम,
दूर रहेंती हों तुम,
फिर भी क्यों याद आती हों तुम !!!!!
"किशन"