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छोटी सी बूँद की यात्रा!
Hindi Poetry |
छोटी सी बूँद आज चली
घर छोड़ बादल का
चुप चाप आगे बढ़ी!
एक अंश अपना सागर में मिला
सीप की मोती बनी!
एक अंश अपने पत्तो पर गिरा
जीवन का पर्याय सजी!
एक अंश धरती में मिली
खुशबू का संचार करती!
एक अंश नदियों में मिली
अमृत की धरा प्रवाह बन चली!
छोटी सी बूँद आज चली
बादल पिता का घर छोड़
धरती माँ की गोद के मिलन को चली!
bahut khubsurat panktiya likhi hai aapne!
@Santosh,
thanx:-)
बहुत सुन्दर कल्पना और बहुत सुन्दर अभिब्यक्ति !बधाई !
@vpshukla,
bahut shukriya Sir!
Ek Ansh is dil pe giraa,
Dil ko amrit pilaa gayaa.
Haardik Badhaaii !!!
@Harish Chandra Lohumi,
dhnyavaad sir!
छोटी सी बूँद आज चली
बादल पिता का घर छोड़
धरती माँ की गोद के मिलन को चली!
ऐसा लगा की कोई बेटी अपने बाप के यहाँ से बिदा हो रही हों ….बहुत ही मन भावन …… जय श्री कृष्ण
@kishan,
bahut dhnyavaad.
Jai shri krishna!
nice poem…
@Tushar Mandge,
thanks!