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देश हमारा

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Aug 2010 Contest, Hindi Poetry

भारत प्यारा, देश हमारा

सबसे न्यारा देश हमारा ।

हिमाला बना है मस्तक इसका

चरणों में है कन्याकुमारी,

सींचे इसको गंगा-जमुना

का निर्मल पावन पानी ।

राम-कृष्ण की यह भूमी

अनमोल धरोहर है अपनी,

गूँजे अब तक हर दिशा में

बुद्ध-महावीर की वाणी ।

कई राजाओं ने है रचा

प्राचीन इतिहास इस देश का,

धूमिल न होने देंगे कभी

गौरवशाली छवि इसकी ।

खूब लड़ी रानी लक्ष्मी,

प्रताप, पृथ्वीराज और शिवाजी,

गाँधी, नेहरू, बोस ने दिलाई

अंग्रेजों से हमें आजादी ।

सिर उठाए खड़े हैं आज

समस्याओं के कई प्रकार

बेरोजगारी, गरीबी, भ्रष्टाचार,

सांप्रदायिकता और आतंकवाद ।

आओ, आज हम लें यह प्रण

मिटाएँ इनका हर इक तृण,

देश पहुँचे ऊँचाइयों पर

लगे न इसे किसी की नज़र ।

भारत प्यारा, देश हमारा

सबसे न्यारा देश हमारा ।

4 Comments

  1. Tushar Mandge says:

    देश भक्ति से औत-प्रोत सुन्दर कविता

  2. Vishvnand says:

    देशभक्ति और देशप्रेमपर सुन्दर रचना
    बहुत मन भायी
    हार्दिक बधाई और धन्यवाद

  3. kishan says:

    बहुत मनभावन देश प्रेम ….जय श्री कृष्ण और जन्मास्टमी की हार्दिक शुभकामनायें

  4. rajdeep bhattacharya says:

    behat sundar

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