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पैरोडी गीत (मेरे देश में हर दिन)

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Aug 2010 Contest, Hindi Poetry

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7 Comments

  1. Vishvnand says:

    बहुत अच्छे
    “मेरे देश में हर दिन पनप रहे हैं चोरी और डकैती ”
    अपने गम कुछ भूल गए हम पढ़कर ये पैरोडी ….
    पैरोडी मन भायी, बधाई

    • Sushil Joshi says:

      @Vishvnand, बहुत-2 शुक्रिया विश्वानंद जी। लेकिन इस गीत को स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर पोस्ट करते समय मन बहुत दुखी था। लेकिन क्या करें जब आज के हालात ही ऐसे हैं।

  2. kishan says:

    sushil bhai aap to sa gaye hum sab pe!!!!!!!

    • Sushil Joshi says:

      @kishan, अतिश: धन्यवाद किशन जी। सब आपकी प्रतिक्रियाओं का नतीजा है। वे ही मुझे लिखने के लिए प्रेरित करती हैं।

  3. kalawati says:

    अतिसुन्दर रचना है सुशिल जी

  4. BALWANT says:

    GOOD

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