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फिर तुम्हे याद किया
Anthology 2013 Entries, Hindi Poetry |
फिर तुम्हे याद किया
इश्क के फूल के पत्ते किताब में संभाले रखे हैं
आज खोल के देखा
तो पत्ते चूर चूर हो मेरे दामन में आ गिरे
और पंखे की हवा से सारे कमरे में उड़ कर
कमरे के कोने कोने में जा छुप बैठे
फिर तुम्हे याद किया
रात का अन्धेरा और गहरा हो गया
चाँद भी बादलों के पीछे जा छिपा
दिल की सूनसानी पूरे कमरे में फैल गयी
बाहर गली में कुत्ते के रोने की आवाज़ ……
क्या मोहब्बत सलामत तो है ?
फिर तुम्हे याद किया
जहाँ इश्क बहा करता था वहां शोक की नदी बहती है
एक सपना जिसकी पूर्ती ना हो पायी हो
मुझे लगा जैसे शून्य मेरे अन्दर फैल सा रहा है
एक नासूर की तरह,इतना बढता हुआ
के शायद तुम तक पहुँच जाए ?
फिर तुम्हे याद किया
कमरे के कोने में तुम्हारी किताब अभी भी सजी हुई
रोज़ उसके पन्ने पलटती हूँ
और वोह घड़ी जो तुम मेरे लिए तोहफा लाये थे
अपनी टिक टिक कर रात भर मेरा साथ देती हैं
जैसे उसको पता हो की तुम नहीं हो
अब कभी नहीं हो
A poem of intense feelings of separation in love,
Depiction in the poem is extraordinary.
Liked the intensity & the poem immensely.
Kudos
@Vishvnand, बहुत शुक्रिया
behat sundar
@rajdeep bhattacharya, thanks rajdeep
आप ने विरह श्रृंगार रस की उत्कृष्ट रचना की है बधाई लीजिये . अल्लाह करे जोरे कलम और जियादा .
@siddha Nath Singh, बहुत बहुत शुक्रिया ,सिद्ध नाथ जी
क्या बात है ,प्रेम में आकंठ डूबी हुई कविता है.प्रेम की- विरह की लयबद्ध अभिव्यक्ति है.
@neeraj guru, Thanks Neeraj ji
achchi lagi 🙂
@prachi sandeep singla, thanks prachi
Very touching.
@pabitraprem, Thanks a lot
Very nice… 🙂
@Ravi Rajbhar, Thanks Ravi
विरह-वेदना व किसी के प्रति असीम प्यार को दर्शाती एक उत्कृष्ट रचना, रेनू जी, मेरी हार्दिक बधाई. Keep writing and sharing.
@U.M.Sahai, Thank you,Sahai ji
बहुत सुन्दर रेनू जी,
हार्दिक बधाई !!!
आपने वर्तिका जी की ये पंक्तियाँ पुनः याद दिला दीं-
मैं जब रूठ तुमसे
गुस्से में कह देती,
“तुम कभी याद न आओगे मुझे”
तुम भी जवाब कुछ यूं परोसा करते
“देखेंगे, वक़्त बोलेगा वो तो”
देखने के लिए अब तुम नहीं हो
सालों गुज़र गए तुम्हें गए…
पर तुम्हारी दी हुई घडी की टिक-टिक,
अब भी बंद नहीं होती
सच,
तुम्हारा दिया हुआ वक़्त,
बोलता बहुत है… !!!
@H.C.Lohumiशुक्रिया और शुक्रिया कि वर्तिका की सुन्दर लाईने आपने यहाँ लिखी
Beautifully expressed emotions and state of mind. I specially liked the selection of words at some places.
@Raj, thanks Raj
Khoobsurat Varnan…….
सुन्दर शब्दों से सजी भावाभिव्यक्ति…आपको बहुत-बहुत बधाई.
आपसे हिंदी की और भी रचनाओं की आशा रहेगी… 🙂