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मेरा अतुल्य भारत है ऐसा महान

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Aug 2010 Contest, Hindi Poetry

जहाँ बहती थीं  दूध-दही की नदियाँ कभी

असंभव वहां अब बिन  मिलावट  दूध  घी.  

 

कहा जाता था  जो, सोने की चिड़िया कभी

वहां   भाव सोने के, छू रहे  आसमान अभी.

 

जहाँ होती थी, नारी की पूजा कभी 

वहाँ भ्रूण-हत्या, जब-तब है हो रही. 

 

जहाँ  लोग घरों में, न देते थे ताला

वहां लोगों ने ,  एटीएम  ही  उखाड़ा. 

 

जहाँ  दिन में नारी, लम्बा घूंघट निकाले

पर  आबादी है, कि बढ़ती ही जावे.

 

मेरा अतुल्य भारत  है ऐसा महान

  

जहाँ पुलिस, एम्बुलेंस, तो न पहुंचे है जल्दी

पर घरों में ये पिज़्ज़ा बहुत पहुंचे जल्दी .

 

जहाँ की जाती है पूजा प्रकृति व पेड़ों की

व मानते हैं वन्य-जीवों को  अवतार भगवान् का

वहां की जाती है अँधा-धुंध  कटाई पेड़ों की  

व होता  है धड़ल्ले से शिकार वन्य-जीवों का.

 

मेरा अतुल्य भारत  है ऐसा महान

  

जहाँ आधी आबादी है अनपढ़ अभी तक

व  बेरोज़गारी भी बढ़ती ही जावे

वहां  आज मानता है अमरीका भी लोहा

उसके तकनीकी मानव संसाधन का

 

जहाँ दिखता है दृश्य सदनों में जब-तब

किसी मछली बाज़ार या कोई  युद्ध जैसा

वहां दी जाती है मिसाल हमारे देश की,

सबसे बड़े व सफ़ल लोकतंत्र के रूप में .

 

जो कभी दूसरे विकसित देशों के आगे

फैलाता  था झोली ऋण के लिए  

उभर रहा है वो आज विश्व के सामने 

एक महान आर्थिक शक्ति के रूप में.

 

जहाँ   भाषाएँ व रहन सहन 

बदल जाते हैं थोड़ी-थोड़ी दूर पर

वहीँ, दी जाती है मिसाल यहाँ की, 

विविधता में एकता की .

 

पर होगा न कुछ सिर्फ़,

बुराइयों को कोसने से

न ही मिलेगा  कुछ,  

अच्छाइयों का राग अलापने से.

इसलिए हो सके भीजितना

दें हम सभी अपना योगदान,

बनाने में अपने देश भारत को

वास्तव में अतुल्य और महान

12 Comments

  1. dp says:

    Good Poem…I Think it has already been published earlier.

  2. Vishvnand says:

    बहुत बढ़िया सटीक और स्पष्ट
    कहने का अंदाज़,
    मार्मिक अर्थपूर्ण और भावपूर्ण ….
    रचना इक सुन्दर प्रशंसा एवं प्रहार है
    बहुत मनभायी
    हार्दिक बधाई

  3. siddha Nath Singh says:

    achchhi prerak kavita.

  4. maitriey mann says:

    our india is very good .I am proud of my india

  5. aapke vyangya ka andaz hi kuch nirkla hai.
    desh me vyapt vishamta ko benakab karne ka uchit sadhan hai ye kavita.

  6. Ritvik Gupta says:

    Hello U. M. Sahai!
    You have written a very nice poem! Congratulations! I also read some of your other poems, they were also very nice and inspiring! Keep Up The Good Work.
    God Bless You & Your Poems!
    May you live long!

    • U.M.Sahai says:

      Dear Mr Ritvik Gupta,
      Thanks a lot for appreciating my poems. I feel encouraged. Pl keep sharing..
      U.M.Sahai

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