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मैं भी राखी बाँधूँगी

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Hindi Poetry

मैं भी राखी बाँधूँगी 

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दूर देश से राजकुँवर सा,

प्यारा भइया आयेगा,

उसकी बहना आस लगी है,

उसको गले लगायेगा ।

 

जल्दी आओ मेरे भइया ,

बहना का यह प्यार पुकारे,

अपने भइया राजा का वह,

मन ही मन में  नाम उचारे  ।

सूरज चाँद सितारो जाओ,

भइया को ले आओ,

सावन तुम भी मीठा-मीठा,

गीत शगुन  का गाओ ।

 

आयेगा जब मेरा भइया,

सब सखियाँ  बुलवाऊँगी  ,

बहन-भ्रात की मिलन घड़ी में ,

मँगल गान कराऊँगी  ।

 

प्रेम-तिलक की थाल सजाकर,

मैं  आरती उतारूँगी ,

जल्दी आओ  मेरे भइया ,

मैं भी राखी बाँधूँगी  ।

  

****** हरीश चन्द्र लोहुमी ******

22 Comments

  1. kishan says:

    wah wah aap to sha gaye bhai shaab!!!!! nice one really
    “दूर देश से राज- कुँवर सा,
    प्यारा भइया आयेगा,””

  2. dp says:

    WAAH SIR,
    HAPPY RAKHI !!!

  3. Ritu says:

    Nice one Harish…. Good Poem…

  4. vpshukla says:

    बहुत सुन्दर !

  5. rachana says:

    bahut achchi lagi!

  6. Bhanu says:

    ati sundar

    • Harish Chandra Lohumi says:

      धन्यवाद भानु जी,
      सराहना के लिए हार्दिक धन्यवाद आपका.

  7. appy says:

    हाँ अच्छा लिका है आपने मुझे बहुत अच्छा लगा!

  8. Bhavana says:

    Beautful poem on occassion of RAKHI.

  9. C.S. Aithani says:

    Very Nice & beautiful poem.

  10. Harish Chandra Lohumi says:

    C.S. Aithani ji, हार्दिक आभार आपका !!!!

  11. siddha Nath Singh says:

    सरल सह्ब्दों में भावों का सजीव गुम्फन, भाई बहन के परंपरागत पर्व पर उत्तम भेंट.

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