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मैं भी राखी बाँधूँगी
Hindi Poetry |
मैं भी राखी बाँधूँगी
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दूर देश से राज– कुँवर सा,
उसकी बहना आस लगी है,
उसको गले लगायेगा ।
जल्दी आओ मेरे भइया ,
बहना का यह प्यार पुकारे,
अपने भइया राजा का वह,
मन ही मन में नाम उचारे ।
सूरज चाँद सितारो जाओ,
भइया को ले आओ,
सावन तुम भी मीठा-मीठा,
गीत शगुन का गाओ ।
आयेगा जब मेरा भइया,
सब सखियाँ बुलवाऊँगी ,
बहन-भ्रात की मिलन घड़ी में ,
मँगल – गान कराऊँगी ।
प्रेम-तिलक की थाल सजाकर,
मैं आरती उतारूँगी ,
जल्दी आओ मेरे भइया ,
मैं भी राखी बाँधूँगी ।
****** हरीश चन्द्र लोहुमी ******
wah wah aap to sha gaye bhai shaab!!!!! nice one really
“दूर देश से राज- कुँवर सा,
प्यारा भइया आयेगा,””
@kishan, धन्यवाद किशन जी आपका !!!
@kishan, is rachna per paheli comments meri huyi thi !!! meri aur se ek vote aap ko..aap aage badho humari duvaye aur bhgvaan krishna ke aashirwad aap ke sath hain…..jay shree krishna
WAAH SIR,
HAPPY RAKHI !!!
@dp,
Thanks DP ji,
Same to you !!!!
Nice one Harish…. Good Poem…
@Ritu, Thanks Ritu !!!
बहुत सुन्दर !
@vpshukla,
हार्दिक धन्यवाद आपका, शुक्ला साहब ।
bahut achchi lagi!
@rachana, Thank You Rachana Ji !!!
ati sundar
धन्यवाद भानु जी,
सराहना के लिए हार्दिक धन्यवाद आपका.
हाँ अच्छा लिका है आपने मुझे बहुत अच्छा लगा!
@appy, हार्दिक धन्यवाद आपका.
Beautful poem on occassion of RAKHI.
@Bhavana, Thank You !!!
Very Nice & beautiful poem.
@C.S. Aithani, C.S. Aithani ji, हार्दिक आभार आपका !!!
C.S. Aithani ji, हार्दिक आभार आपका !!!!
सरल सह्ब्दों में भावों का सजीव गुम्फन, भाई बहन के परंपरागत पर्व पर उत्तम भेंट.
@siddha Nath Singh, jitanaa aabhaar doon utanaa kam hai…..
Haardik Dhanyavaad !!!!