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“हमारा देश”

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Aug 2010 Contest, Uncategorized

अर्थ ज्ञान नव कुंज है भारत
ईश्वर का प्रतिबिम्व है भारत

सृष्टि के हर इक कण में
मानवीय एहसास जगाए भारत

उन्नत – पथ दिखलाए भारत
सूत्र – प्रेम सिखलाए भारत
भिन्न-भिन्न ज्ञान का मंथन कर
सनातन ज्ञान बनाए भारत

वेद, पुराण, योग, गुरुज्ञान
सभी अंकुर ऊपजे भारत से
देश, विदेश, स्वदेश, महेश
सब रंगते भारत के रंग में
महिमा नव निधि गाए नारद
मृत – संजीव करे है भारत
सर्पश ममत्व का हर जन को
आभास कराए प्यारा भारत

ना था, ना है, ना फ़िर होगा
तुझ जैसा कोई देश जय भारत

“मेरा भारत महान”
(विश्व्स्थलि)

2 Comments

  1. kishan says:

    अच्छा प्रयास …जय श्री कृष्ण

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