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मेरा देश
Aug 2010 Contest, Hindi Poetry |
दिल दिया है, जाँ भी देंगे…
ऐ वतन तेरे लिये…;
खुदको मिटा देंगे, अपनों को भी भूला देंगे…
ऐ वतन तेरे लिये…;
फ़र्ज़ को हमारे, दिल से निभाएँगे…
ऐ वतन तेरे लिये…;
क़र्ज़ को हमारी, जाँ से उतारेंगे…
ऐ वतन तेरे लिये…;
दिल में उठे दर्दों को भूलेंगे…
ऐ वतन तेरे लिये…;
चारों ओर आंग में रहेंगे…
ऐ वतन तेरे लिये…;
सपने चुनेंगे और निभाएँगे…ऐ वतन तेरे लिये…;
दुश्मन को भी भाई कहेंगे…
ऐ वतन तेरे लिये…;
भाई को भी भूला देंगे…
ऐ वतन तेरे लिये…;
खुद खून के आंसू रोएँगे…
ऐ वतन तेरे लिये…;
सब को खुशी के समंदर के नहलाएँगे…
ऐ वतन तेरे लिये…;
जाँ को हमारी जाँबाज़ बनाएँगे…
ऐ वतन तेरे लिये…;
दिल को हमारे पत्थर बनाएँगे…
ऐ वतन तेरे लिये…;
होली नहीं, दीपावली नहीं…नहीं खेलेंगे ईद…
अपनों के साथ – साथ त्योहारों को भी भूला देंगे…
ऐ वतन तेरे लिये…;
दीन क्या…? रात क्या…?
ऐ वतन तेरे लिये…;
दीन मै लड़ेंगे, रात मै लड़ेंगे…
ऐ वतन तेरे लिए…;
नींद आई तो हमेशा के लिए सोएँगे,
ऐ वतन तेरे लिए…;
वक़्त आया तो साँसे भी रोकेंगे…
ऐ वतन तेरे लिए…;
आखरी दम तक लड़ते रहेंगे,
ऐ वतन तेरे लिए…;
आगे ही आगे बढ़ते रहेंगे…
ऐ वतन तेरे लिए…;
दिल दिया है, जाँ भी देंगे…
ऐ वतन तेरे लिए…;
ये तो एक गाना है ना,,, m sure abt d starting atleast
Thank you for your comment, Prachi jee..!! जी हाँ…यह एक गाना है, लेकिन मैंने गाने का सिर्फ मुखड़ा लिया है! बाकी सब पंक्तियाँ मैंने खुद लिखी है…! वह एक मशहूर गाना था और मैंने एक कविता लिखी है…!
amit jee, ur feeling is good, but can’t you create a new line ur own in place of first hired line-plz.don’t mind-keep it up
Yes Shushil jee..! I should have to try new begining lines..But Actually I was singing that song & Immidiately I had written this entire poem taking base of this nice song..! I had no malafied intention to use this first lines,.!