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अब हमें क्या करना होगा….!
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अब हमें क्या करना होगा….!
एक बिचारा नन्हा बच्चा
घर के दरवज्जे पर
बार बार ऊँची ऊँची छलांग लगा कोशिश कर रहा था
पर दरवज्जे की बेल का बटन नही दबा पा रहा था
बच्चा बिचारा हर कोशिश मे नाकाम हो रहा था …..
वहां से एक मंदिर के पुजारी जी जा रहे थे
बच्चे को देखा, तकलीफ मे पाया
आ गयी उनको बच्चे पर दया
पास जाकर बोले “ तुम मत तकलीफ लो बेटा ”
लगता है तुमसे ये न बन पायेगा
ये लो मैं बटन दबाये देता”.
बटन उनने अच्छे से दबाया,
सोचने लगे अब घर से कुछ सन्मान तो मिलेगा ,
फिर खुश हो उन्होंने बच्चे से पूछा …
“अब आगे बताओ बेटा हमें क्या करना होगा ”
तो वो बेटा हँसा और घबराता हुआ बोला
” अब क्या; इस दरवज्जे के खुलने से पहले
हमें यहाँ से दुम दबाकर भागना होगा ”
” विश्वनंद “
(मदद करना तो अच्छी बात है और जरूरी भी होता है मगर वह किस बात के लिए की जा रही है इसका ज्ञान होना ज्यादा जरूरी होता है l सोचिये, जल्दबाजी मे या किसी बहकावे मे ऐसी मदद करने के हमारे पास कितने कितने उदाहरण हैं. भले हम इस वाकिये पे कितना भी हँसे l )
” अब क्या; इस दरवज्जे के खुलने से पहले
हमें यहाँ से दुम दबाकर भागना होगा ”
इस तरह से घन्टी बजाकर दाल नहीं गलने वाली,
बस मन्दिर मे जाकर फ़िर से वही घन्टा बजाना होगा !!!
बहुत अच्छे सर !!! मनोरन्जक और सन्देश युक्त रचना ,
बधाई!!!
@Harish Chandra Lohumi
उस इक भले पुजारी की बेकार को क्यूँ हम खींचें जी
मानो गर हम होते वहां तो हम भी बटन दबाते जी …. 🙂
वैसे आपकी कमेन्ट का हम दिल से करें शुक्रिया जी….
chote -chote ghatnaye kabhi kita haasati hai –nice sir
@rajivsrivastava
You are very right and they do often teach a lot,
Dr Edward De Bono, the famous thinker and originator of the term ” Lateral Thinking” has opined that Humor is often the result of lateral thinking, which in effect is thinking from “out of the box”, a type of thinking which is needed in the world of today.
एक joka का अच्छा प्रस्तुतीकरण, विश्व जी, हार्सिक बधाई.
@U.M.Sahai
कमेन्ट के लिए हार्दिक शुक्रिया…
har story ka moral hota hai jo poore qisse ki jaan hota hai aap ki kavita me.lajavaab!
@siddhanathsingh
आपके ऐसे कमेन्ट का मैं दिल से शुक्रगुजार हूँ और लगता है कि जैसे मेरे ऐसे प्रयास की कोशिश का सब मुझे मिल गया.
liked the poem, Sir
and the meaning behind it
@Parespeare
Thank you so very much.
nice one …makes a smile.. 🙂
@ANUJ SRIVASTAVA
Thank you so much.
A beautiful and a very lucid poem, Vishvji.I feel
I had seen a similar one from
you. Your concluding words are true.
@medhini
You are very right. I had posted this about a year back in English when we were trying making efforts at composing Limericks. This is now my attempt at writing it in Hindi.
I feel so happy you have equally liked it. Thank you very much
बहुत अच्छे सरजी…! माझा आ गया पढ़ कर..! और अच्छी सिख मिली…! Nice one…!
@amit478874
कमेन्ट के लिए हार्दिक धन्यवाद .