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~काश तुम्हे मैं अपनी दुल्हन बनाता….
Hindi Poetry |
मैं तुम्हारा चेहरा पढ़ पाता,
तो मैने गीता,कुरान ,बाइबल पढ़ लिया होता,
मेरे हाथ में तुम्हारा हाथ आ जाता,
तो मैं दुनियाका आमिर आदमी बन जाता,
तेरे हाथो में मेरे नाम की महेंदी रचाता,
तो सूरज,चाँद -सितारों को वो रंगों में रंग पाता,
काश तुम्हे मैं अपनी दुल्हन बनाता,
तो जिन्दगी को समय के साथ चलाता ….!@!
“किशन”
मैं तुम्हारा चेहरा पढ़ पाता,
तो मैने गीता,कुरान ,बाइबल पढ़ लिया होता,
मेरे हाथ में तुम्हारा हाथ आ जाता,
dheere dheere rchnaoon men nikhar aa rha hai, bhavnaaon ko jmeen mil rhee hai-sundr pryas-badhaaee kishn jee
@sushil sarna, dhanywad sir aap ko rachna ka pryas pasand aaya ….jay shree krishna
बहुत अच्छे किशन भाई,
“काश, मैं तुम्हारा घूंघट उठा पाता,
नाक- मुँह तो दिख ही रहे हैं……,
पूरा चेहरा भी नज़र आ जाता,
तुम कौन हो…पता भी चल जाता .”
@dp, nice …jay shree krishna aur kya kahu main…aap ka sukriya coments ke liye