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~काश तुम्हे मैं अपनी दुल्हन बनाता….

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Hindi Poetry

 
मैं तुम्हारा चेहरा पढ़ पाता,
तो मैने गीता,कुरान ,बाइबल  पढ़ लिया होता,
 
मेरे  हाथ  में  तुम्हारा  हाथ  आ जाता,  
तो मैं  दुनियाका  आमिर  आदमी  बन जाता, 
 
तेरे हाथो में मेरे नाम की महेंदी रचाता, 
तो सूरज,चाँद -सितारों को  वो रंगों में रंग पाता,
 
काश तुम्हे मैं अपनी दुल्हन बनाता,
तो  जिन्दगी को समय  के साथ चलाता ….!@!
 
 
 
“किशन”

4 Comments

  1. sushil sarna says:

    dheere dheere rchnaoon men nikhar aa rha hai, bhavnaaon ko jmeen mil rhee hai-sundr pryas-badhaaee kishn jee

  2. dp says:

    बहुत अच्छे किशन भाई,

    “काश, मैं तुम्हारा घूंघट उठा पाता,
    नाक- मुँह तो दिख ही रहे हैं……,
    पूरा चेहरा भी नज़र आ जाता,
    तुम कौन हो…पता भी चल जाता .”

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