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गाओ यार गीत वर्षा के !!!
Hindi Poetry, Sep 2010 Contest |
गाओ यार गीत वर्षा के !!!
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हरा-भरा है कोना-कोना,
छोडो अब सूखे का रोना,
हरियाली की गोद में जाके,
गाओ यार गीत वर्षा के ।
सूखी नदिया हुई जवां है,
अब तट को भी प्यास कहां है,
मधुर मिलन हैं, विरह कहां के,
गाओ यार गीत वर्षा के ।
आओ हिल-मिल झूला झूलें,
पेंग बढाये,नभ को छू लें ,
तारे- चाँद जमी पे लाके,
गाओ यार गीत वर्षा के ।
माँ जी झट से चाय बनाओ,
मुन्नी गरम पकौडे लाओ,
पीकर चाय पकौडे खाके,
गाओ यार गीत वर्षा के ।
वर्षा रानी की मनमानी,
इसने कुछ करने की ठानी,
इसको अपने अंग लगा के,
गाओ यार गीत वर्षा के ।
***** हरीश चन्द्र लोहुमी
अति सुन्दर गीत यह पढ़कर
मन गाये गीत वर्षा के
गीत में सत आनंद समाया
सुन ये सारे गुण वर्षा के …
हार्दिक बधाई और अभिनन्दन
पढ़कर गीत कह रहा ये मन …
@Vishvnand, आपके द्वारा की गयी तारीफ़ वास्तव में काबिल-ए-तारीफ़ होती है सर,
हार्दिक धन्यवाद आपका.
आपके द्वारा की गयी तारीफ़ वास्तव में काबिल-ए-तारीफ़ होती है सर,
हार्दिक धन्यवाद आपका.
गीत के लिए लयात्मकता का सुदर निर्वहन किया है
बधाई
@dr. ved vyathit, आप जैसे ही वरिष्ठों के मार्ग-दर्शन के उपरांत किये गए प्रयास का परिणाम है डा० साहब.
हार्दिक धन्यवाद आपका !!!
Nice one.
@Bhavana, धन्यवाद भावना जी आपका !!!
very nice poem……………..
Great !!!!!!!!!!!!!!!!
@nitin_shukla14, शुक्ला साहब, रचना के लिये तो शब्द मिल गये लेकिन किन शब्दों में आपका आभार व्यक्त करूँ , आपकी ही मदद चाहता हूँ ।
best one …….
@ANUJ SRIVASTAVA, धन्यवाद अनुज जी, आपका प्यार ही है जो इस रचना ने आपकी प्यार भरी प्रशंसा पायी ।
varsha ke gun gata geet, achchhi shaili vala geet.
@siddhanathsingh,
प्यार आपका बरसा है ये,
मेरे अग्रज- मेरे मीत !!!
beauty *****
@CS_Aithani, थैन्क यू सर!!!