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बारिश आई… बारिश आई…
Hindi Poetry, Sep 2010 Contest |
बारिश आई… बारिश आई…
सबको भिगोंने बारिश आई…!
सुबह को आई, रात को आई…
कल आई थी और आज भी आई…!
बिना रंगों के पानी से ही…
होली जैसा मोहोल बनाने…! बारिश आई…(१)
सात रंगों को संग मिलाने…
आसमान में बिजली चमकाने…
बूंदों को एक साथ गिराने…
नये – नये करतब दिखाने…! बारिश आई…(२)
प्यासे की हर प्यास बुज़ाने…
धरती पर हरियाली लाने…
नदियों को पानी से भरने…
पहाड़ों को अंबर से छुपाने…! बारिश आई…(३)
पेड़ों की घटायें बढ़ाने…
खेतों को नयी फसलों से सजाने…
सागर को मोती से भरने…
सूरज को बादलों मे छुपाने…! बारिश आई…(४)
मन प्रेमियों प्रेम जताने…
प्यासे दिल मे आस जगाने…
नफरत की दीवार गिराने…
बूँद से हर आंसू को मिलाने…! बारिश आई…(५)
हर दिनों को त्यौहार बनाने…
कलियों मे से रंगीन फूल खिलाने…
मिट्टी की मीठी सी महेक फ़ैलाने…
मौसम को हर पल हसीन बनाने…! बारिश आई…(६)
मेंढकों की अजीब आवाज़ सुनाने…
कोयलों के सुरों से सुर मिलाने…
गरजते बादलों की बादशाहत दिखाने…
तन और मन मे ताज़गी जगाने…! बारिश आई…(७)
कभी अपने रौद्र रूप से…
इंसानों को यह एहसास दिलाने…!
तो कभी अपने सौम्य रूप से…
किसानो का साथ निभाने…! बारिश आई…(८)
बारिश आई… बारिश आई…
सबको भिगोंने बारिश आई…!
-Amit T. Shah (M.A.S.)
13th September 2010.
रचना के लय और ताल की और अधिक अच्छे बन सकते हैं , बस तनिक प्रयास की और आवश्यकता है, लिखते रहें, सुधार आयेगा। सुझाव को क्रपया अन्यथा न लें ।
अच्छा प्रयास !! शुभकामनाएं !!!
@Harish Chandra Lohumi, Thank you very much for your comments as well as nice advise, Sir..! I will give my best in future…! Thanks…!
अच्छी रचना
हरीश जी की प्रतिक्रिया से पूर्ण सहमति.
उदाहरण के लिए ही सिर्फ इक stanza recast करने की कोशिश की है, शायद ऐसी ही कुछ recasting की कविता को जरूरत है, ऐसा मुझे लगा, इसी कारण यह टिप्पणी है. शायद मेरा सुझाव गलत भी हो. .
मन प्रेमियों प्रेम जताने…
प्यासे दिल मे आस जगाने…
नफरत की दीवार गिराने…
बूँद से हर आंसू को मिलाने…! बारिश आई…
@Vishvnand, Thank you very much, Sir..! Its been really pleasure for me to get your wonderful advises. I really appreciate the way you take interest for all the poems on p4poetry. I like the amendments you made and I had also made such changes accordingly….
आप इसी तरह हंमेशा सुजाव देते रहे यही ख्वाइश रहेंगी मेरी…!
Thank you very very much….!
Congrats…… Hard Worker…. Always try to recast the poems to improve creativity as directed by the experts….we are still learner….. Don’t Forget……
@Mavi Kapoor, Thank you very much…! Its always been a pride for anyone to receive comments from the fellow members of P4poetry like Vishvanand & Siddh Nath Singh..! Thank you Mavi Kapoor…!