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बिंदी का चक्कर…

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Hindi Poetry

बिंदी का चक्कर

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शंकर और बदरी ,

आपस में पक्के यार,

एक दिन बदरी बोला शंकर से-

यार बिंदी हट जाये तेरे नाम से,

तो, तू शकर बन जाये,

और मैं तुझे चाट जाऊँ ।

तब शंकर बोला बदरी से,

यार, यही बिंदी अगर लग जाये नाम पे तेरे,

तो, तू बंदरी बन जाये,

और मै तुझे  बाज़ार में नचाऊँ ।

 ———————————–डीपी

8 Comments

  1. Harish Chandra Lohumi says:

    good one.. keep it up. !!!

  2. siddha Nath Singh says:

    sach hai bindi bade badon ki hindi kar deti hai.

  3. Vishvnand says:

    बहुत मजे दार पोस्टिंग.
    रचना की आईडिया के लिए बधाई और धन्यवाद
    अब मैं शब्द दूंढ़ रहा हूँ किससे बिंदिया निकाली जाय और किस पर बिंदिया डाली जाय ..:-)

  4. kishan says:

    Good one …jay shree krishna

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