*****मेरे साजन परदेशी
ये रचना पहेले लिखी थी लेकिन काफी गलतियाँ हुई थी सुधार करके फिर से आप सब के सामने लाया हूँ आशा हैं की आप को पसंद आएगी जय श्री कृष्ण
प्रेम जोगन तेरे नाम की, मेरे साजन परदेशी
चुनरी ओढ़ी तेरे नाम की, मेरे साजन परदेशी
पहनूँगी तेरे नामकी कंगना, मेरे साजन परदेशी
दिल पे लिखा तेरा नाम, मेरे साजन परदेशी
रुए मेरा दिल रुए मेरे नैन, मेरे साजन परदेशी
बीना तेरे जिन्दगी काटी ना कटे, मेरे साजन परदेशी
जिंदगी मैंने कर दी तेरे नाम , मेरे साजन परदेशी
प्रेम पुजारन तेरे नाम की, मेरे साजन परदेशी
“किशन”
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निरंतर लिखते रहो खूब लिखो मेरी शुभकामनायें हैं
@dr. ved vyathit, सर आज तो किशन भगवान का दिन हैं और किशन की रचना पे आपने इतने शब्द पुष्प लगा दिए ये आप का उपकार हम नहीं भूलेंगे …जय श्री कृष्ण वेसे कहते हैना की बड़े लोग ऐसे बड़े नहीं होते उसके अनुभव काफी बड़े होते हैं
nice painting…liked it!!
@Bhavana, भावनाजी आप का दिल से आभार आपको रचना का pics पसन्द आया …..जय श्री कृष्ण
भाव को सुर मिले, सुर को शब्द मिले, शब्दों को रंग मिले, रंगों को संग मिले, संग को सत्संग मिले, सत्संग को मृदंग मिले और मृदंग से जीवन आनंद मिले, यही हमारी आपके लिए कामना है-भावों के धरातल की जमीन कैसी भी क्योँ न हो कलम शब्दों की सडक पर अपना रास्ता तय कर ही लेती है भाव हममे ही जन्म लेते हैं, हमारे साथ जीते हैं हमारे साथ मरते हैं भाव आत्मा की तरह एक अदृश्य काया है-अतः ये वायु की तरह हर बंधन से मुक्त है-अपने भावों को नया आयाम दो-आपके प्रयास में पत्थर को भेदने की शक्ति है-इस सुंदर रचना के लिए हार्दिक बधाई-रचना में एडिटिंग कर लेंगे तो रचना और भी सुंदर हो जायेगी
@sushil sarna, sir aap ki itni sundar coments ke liye me kis prakaar aabhar maanu…..aap ne to muje A to Z hi samja diya na ho jaise esa muje laga …jay shree krishna…….