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मेरो धाम ….! (Bhakti Geet )

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Hindi Poetry, Podcast

This is one of an old simple Bhagtigaan cum Prayer composed by me. I feel very happy to post it here sung in its new podcast to acquaint with the tune in which the song did emerge…

The song was inspired by the tune of  a very beautiful Marathi song sung by revered Pt Hridayanath Mangeshkar. The tune of the song in some parts is therefore akin to the Marathi song but meaning of this Hindi song is entirely different from the Marathi song.

 

मेरो धाम ….! (Bhakti Geet )

प्रभु के चरण, मेरो धाम,
धाम मेरो, प्रभु के चरण
प्रभु के चरण …..!

मंदिर मन मेरा, तेरा, तन पूजा सामग्री,
निसदिन गुण गान करुँ, तुझसे ही हैं साँसें मेरी,
ध्यास मेरो प्रभु के चरण, नित्य रहूँ प्रभु के चरण
धाम मेरो, प्रभु के चरण , प्रभु के चरण …..!

भजनों में तेरे पाऊँ, अंतर्मन सुख शान्ति,
सामे जो काम मेरे, समझूँ ये पूजा तेरी,
प्यास मेरी प्रभु के चरण, आस मेरी प्रभु के चरण
धाम मेरो, प्रभु के चरण , प्रभु के चरण …..!

दुर्गुण प्रभु हरलो मेरे, सतगुण का वर दो मुझे,
नाम स्मरण नित्य तेरा, करने दो भक्ति मुझे,
ज्ञान मेरो प्रभु के चरण, ध्यान मेरो प्रभु के चरण.
धाम मेरो, प्रभु के चरण , प्रभु के चरण …..!

” विश्व नन्द “

8 Comments

  1. Harish Chandra Lohumi says:

    इस मन्च बहुत दिनों बाद बही प्रभु-भक्ति की यह भक्तिमय सुर-सरिता वास्तव में पूर्ण रूप से भक्ति-रस में डुबो गयी ।
    बहुत सुन्दर रचना। शुभ प्रभात एवम् हार्दिक बधाई !!!!

    • Vishvnand says:

      @Harish Chandra Lohumi
      इस भक्तिगीत पर आपकी ऐसी प्रतिक्रया और सन्मान से मुझे धन्य होने का अहसास हो रहा है. आपके कमेन्ट की जितनी प्रशंसा करूँ कम है. हार्दिक अभिवादन

  2. sushil sarna says:

    अति सुंदर भक्ति रसधारा
    डुबकी को तरसे मन बेचारा
    हर की पौड़ी क्या करनी
    जब बहे ऐसी पावन गंग धारा
    हर दिल में फिर कृष्ण बसें
    और हर दिल में फिर राम
    क्या करना फिर मन्दिर मस्जिद
    जब दिल बने प्रभु का धाम
    आपके इस भक्ति सरोवर में स्नान का पुण्य ही अलग है – मेरी और से आपको हार्दिक बधाई सर जी
    बस *ध्यास* के स्थान पर *ध्यान* और *सामे* के स्थान पर *थामे* होंना चाहिए शायद एडिटिंग रह गयी- प्लीज बुरा न माने

    • Vishvnand says:

      @sushil sarna
      प्रतिक्रिया में लिखी आपकी पंक्तिया अतिसुन्दर और आनंददायी है और आपके कमेन्ट के लिए मैं बहुत शुक्रगुजार हूँ.

      “ध्यास” का मतलब मराठी में “Intense desire” होता है शायद यह शब्द हिंदी में भी है और इसी ख्याल से यह शब्द गीत में उभरा था. ” सामे” का मतलब ” सामने ” है और जाने क्यूँ मेरी कई रचनाओं में सामने की जगह यह शब्द उभर आता है.

  3. kishan says:

    सर बहुत ही अच्छा प्रभु भक्ति गीत..जय श्री कृष्ण

  4. parminder says:

    मन पूरा लीं हो जाता है ऐसे सुन्दर भक्ती गीत सुन कर! बहुत मधुर और सुन्दर!

    • Vishvnand says:

      @parminder
      इस भक्तिगीत की भावनाओं के प्रति आपकी ऐसी प्रतिक्रिया पढ़कर आतंरिक आनंद का अनुभव कर रहा हूँ. आपका तहे दिल से शुक्रिया…

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