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“वर्षा ऋतु”

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Hindi Poetry, Sep 2010 Contest

बरखा सुनाती अनगिनत प्यारी प्यारी कहानी,

जहाँ रिमझिम फुहारों संग बरसता है पानी,

पर एक काली बरखा की दास्तां सुनो मेरी जुबानी.

याद है वह दिन जब बरसा था पानी बनकर कहर,

२६ जुलाई के दिन तुफान बन चुकी थी हर लहर.

समुंदर था उफान पर, तो बरखा थी तबाही की कमान पर,

कड़कड़ाहट बिजलियों की आ गिरी थी जमीन पर,

ढह गयीं कई इमारतें,मलबे बन चुके थे कई घर.

काली घनेरी घटाओं से छा चुका था घनघोर अंधेरा,

मूसलाधार वर्षा से भर चुका था हर चौक, हर गलियारा.

नांव बन चुकी थीं सड़कों पर गाडियाँ,

जान बचाने को फंस चुके थे सब जहाँ के तहाँ.

मीठी नदी ने भी था किया   तीखा वार ऐसा,

ली डूबी जानें कईं, बन चुकी थी काल सभीका.

डूब गईं समानों संग दुकानें और झुग्गियाँ कईं,

बह रही थीं बनकर लाशें जिंदगियाँ कईं.

तबेलों में बंधे हुए थे सैकडों अमूक जानवर,

छूटने को जीतोड मेहनत कर मर गये घुटघुटकर.

तैर रहे थे सडकों पर मरे इंसान,जानवर और सामान,

वर्षा की इस तबाही को देख हुई थी सारी दुनिया भी हैरान.

ढुंढ रहा था हर कोई अपनों को, आस लगाए

माँग रहे थे उनकी सलामती के लिए सभी दुआएँ,

देखा है इन आँखों ने खुली पलकों से तबाही का यह मंजर,

हर वर्ष, वर्षा के आने पर लगने लगता है यही डर,

कहीं फिर न आए कोई दूसरा २६ जुलाई लेकर तबाही,

पानी से ही तो है जीवन, कहीं फिर न बन जाए वह मौत की कहानी………

राजश्री राजभर….

16 Comments

  1. Parespeare says:

    fantastic poem, Rajshree
    will never ever forget 26th July

  2. siddha nath singh says:

    masnavi ke andaaz me kahi gayi manoram kavita.

  3. amit478874 says:

    Good Work..! Nice way to preset the feelings..! Keep it up..!

  4. sushil sarna says:

    हकीकत के धरातल को छूती हुए सुंदर रचना, राजश्री जी बुरा न मानें प्रथम पंक्ति
    “बरखा सुनाती अनगिनत प्यारी प्यारी कहानी” में अनगिनित होने के कारण मेरे विचार में कहानी के स्थान पर कहानियाँ होना चाहिए-वैसे इस भावपूर्ण रचना के लिए बधाई

  5. Vishvnand says:

    Very impacting heartrending description
    Of a dark side of torrential rain’s annihilation
    Beautifully brought out in poetry in this poem,
    The writing deserving commends and appreciation
    Kudos

  6. U.M.Sahai says:

    अति उत्तम रचना, राजश्री जी, बधाई.

  7. dr.paliwal says:

    Sundar rachna…..

  8. rajdeep bhattacharya says:

    beautifully executed

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