« Rain | ये उत्तर है या दक्षिण ….! » |
सपने में साजन
Dec 2011 Contest, Hindi Poetry |
सपने में साजन
खुशियाँ सी भर आयी,
खुद ही यूँ मेरे में ,
कि चन्दा का आना हो,
रैन के बसेरे में ।
जीवन की तन्हाई,
पल भर में बिसरायी,
झूली थी जी भर के,
दिल के हिलोरे में ।
उनकी वो यादें भी,
करने लगी बातें सी,
मस्ती सी छायी थी,
तन्हा से डेरे में ।
सूनी सी शय्या में ,
बहकी थी अँगडाई,
सपने में साजन थे,
बाँहों के घेरे में ।
***** हरीश चन्द्र लोहुमी
meethi aur mridul rachna.
@siddhanathsingh, हार्दिक आभार आपका सर !!!
veryy nice 🙂
@prachi sandeep singla, प्रशन्नता हुई, धन्यवाद प्राची जी !!