« नज़्म (मज़हब के नाम पर) | ज़ुदा होना तय हो गया » |
*~*क्यूंकि प्यार दीवाना होता हैं मस्ताना होता है *~*
Hindi Poetry |
गोरे गोरे गाल
गुलाबी होठ
हिरनी जैसी आँखे
नागिन जैसे बाल
अंगड़ाई लेती चाल
महेंकता बदन
मोरनी जेसी आवाज
तेरे माथे की बिंदिया
जैसे सूरज ना उगा हों
तेरे कान के कुंडल में मैं बस जाऊ
और हर पल तुजसे बाते करता रहूँ
तेरे दिल का हार बनके मैं रहूँ
तेरे हाथो की महेंदी को देख कर
अब दुनिया का कोई रंग मुझे अच्छा नहीं लगता साजन
तेरे हाथो की रंग बे रंगी कंगना
जिसकी आवाज सुनके कामदेव भी चलित हों जाए
तेरे नाजुक पेर जहा जहा पड़े
वो मुल्क वो देश से मुझे प्यार हों जाए
तेरी पायल की आवाज पे मेरे सो सो जन्म लुटा दू
क्यूंकि प्यार दीवाना होता हैं मस्ताना होता है
“किशन”
bht hi dilkash peshkash hai ye aapki kishan ji..yunhi likhte rahiye…..
@KasaK….Dil ki, thnks dear aap ko achhi lagi hume achha laga ki humari rachna kisi ko to pasand aayi…..aap ka main sukar guzar hu…jai shree krishna comments ke liye