« गीत- अपने ही आंसू….., | उजाले के लिबासों में तिमिर मगरूर मिलते हैं » |
तीन त्रिवेणी- 10
Hindi Poetry |
1. झुंझलाते, लड़ते जो तुमने कहा था
आधी कच्ची नींद में जो मैंने सुना था
बात शायद अब तक अधूरी है?
2. हर आहट पर
मुड कर मैंने पीछे देखा
हसी तुम्हारी अब तक गुदगुदा रही है!
3. सूरज फीका लगता है
चाँद भी ठंडा लगता है
तुम्हारे हाथों की गर्मी में पूरी तरह से पिघल गई हूँ!
wah bahut khoob.
brilliant 🙂
Love these short ones- very nice