« मेरे ख़यालों की “मलिका” मेरे ख़यालों में रह गई… | ******माया****** » |
तीन त्रिवेणी- 9
Hindi Poetry |
1. सोचती हूँ! जब तुम नहीं मिले थे
फूलो के रंग खिले नहीं थे
क्या तुम बहार साथ लाये हो?
2. खाली मन, खाली आँखें
देख रही थी टूटा सपना
अच्छा, तुमने रंगों को आँखों में छुपाया था?
3. तुम्हारा और मेरा फासला गहराता है
मन मेरा उसमे डूबता जाता है
आओ, समुन्दर में ही घर बना ले!