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चंद मुस्कुराते- शेर !

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Hindi Poetry

तलाशने से बेदर्द जमाने मे कोई अपने मिल जाते है ,

ध्यान से ढूँदने से राख मे भी अँगारे निकल आते है !

प्यार मे पल-दो पल मे इकरार नही होता ,

जो पल मे हो जाता है वो प्यार नही होता !

बस यही सोच कर  हम हर गम पीये जाते है ,

की आप की महफ़िल मे मेरे शेर पढे जाते है !

तुझसे दूर रह कर हम तुझे याद किया करते थे ,

उन्ही यादो से चंद लम्हे  चुरा कर शेर लिख लिया करते थे !

जाम का नशा तो पल दो पल मे उतर जाएगा ,

जिसे हुस्न का नशा होगा वो आशिक कहाँ जाएगा


डॉक्टर राजीव श्रीवास्तवा

6 Comments

  1. Harish Chandra Lohumi says:

    पहले गुदगुदाते थे अब वो मुस्कुराते हैं ,
    बडी कशमकश है राजीव जी !
    आखिर आपके ये शेर क्या चाहते हैं !

    बहुत अच्छे राजीव जी! बधाई !!!

  2. nitin_shukla14 says:

    आपकी शान में एक कविता पढ़ रहा हूँ –
    गौरवशाली, वो प्रतिभाशाली हैं
    पतझड़ में भी हरियाली हैं
    जिस भी विधा में प्रयास करें वो
    हर प्रस्तुति उनकी निराली है

  3. dr.paliwal says:

    Vah ! kya bat hai…..

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