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चंद मुस्कुराते- शेर !
Hindi Poetry |
तलाशने से बेदर्द जमाने मे कोई अपने मिल जाते है ,
ध्यान से ढूँदने से राख मे भी अँगारे निकल आते है !
प्यार मे पल-दो पल मे इकरार नही होता ,
जो पल मे हो जाता है वो प्यार नही होता !
बस यही सोच कर हम हर गम पीये जाते है ,
की आप की महफ़िल मे मेरे शेर पढे जाते है !
तुझसे दूर रह कर हम तुझे याद किया करते थे ,
उन्ही यादो से चंद लम्हे चुरा कर शेर लिख लिया करते थे !
जाम का नशा तो पल दो पल मे उतर जाएगा ,
जिसे हुस्न का नशा होगा वो आशिक कहाँ जाएगा
डॉक्टर राजीव श्रीवास्तवा
पहले गुदगुदाते थे अब वो मुस्कुराते हैं ,
बडी कशमकश है राजीव जी !
आखिर आपके ये शेर क्या चाहते हैं !
बहुत अच्छे राजीव जी! बधाई !!!
@Harish Chandra Lohumi,
kabhi gudgudana.to kabhi muskurana
hamara ek hi maksad hai–HASNA AUR HASANA”
dhanyavad
आपकी शान में एक कविता पढ़ रहा हूँ –
गौरवशाली, वो प्रतिभाशाली हैं
पतझड़ में भी हरियाली हैं
जिस भी विधा में प्रयास करें वो
हर प्रस्तुति उनकी निराली है
@nitin_shukla14,
Dhanyavad ,Nitin ji———– aap ke shabdo ne mera hoosla badaya hai
kudrat ne mujhe kitne shrest logo se milaya hai
Vah ! kya bat hai…..
@dr.paliwal, hirday se aabhari hun–dhanyavad