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रिश्तो की कसमसाहट!
Hindi Poetry, Nov 2010 Contest |
रूठ जाते है रिश्ते
बिना शिकायत
टूट जाते है रिश्ते
बिना खटखटाए
ग़ुम हो जाते है रिश्ते
बिना बताये
भुलाये जाते है रिश्ते
बिना नज़रे मिलाये
आँखें बंद करते ही
जड़ हो जाते है रिश्ते
कसमसाहट बन
आवाजें खोते जाते है, रिश्ते!
पुराने और नए
मीठे और खट्टे
तीखे और जायकेदार
हमेशा के लिए
सो जाते है
धीरे-धीरे हाथ से फिसल जाते है, रिश्ते!
rishti ko jod kar rakhna jaroori hai nahi to toot jate hai— sunder rachna badahai
रिश्तो की कसमसाहट!
हर दिल में सुगबुगाहट !!!
रचना अच्छी लगी रचना जी !!!
अच्छी कविता है.क्या अंत में “सो जाते हैं….”या “खो जाते हैं….”!कृपया स्पष्ट करें.
@Rajiv Ji, Harish: thanks for your comment and liking my effort!
@ Neeraj: अंतिम पंक्ति “सो जाते है” जैसे मैंने यहाँ लिखा है! यहाँ सोने का तात्पर्य ‘dead’ हो जाने से है!
धन्यवाद!
रचना
In awe of that anwers! Really cool!