« »

खुश इन्सां हो के जब हम पेश आए …! (Geet)

0 votes, average: 0.00 out of 50 votes, average: 0.00 out of 50 votes, average: 0.00 out of 50 votes, average: 0.00 out of 50 votes, average: 0.00 out of 5
Loading...
Hindi Poetry, Podcast

जून २००८ में मेरी पोस्ट की हुई रचना ” ज़माना ये समझा कि हम पी के आये ” को पॉडकास्ट कर प्रस्तुत करने की फर्माइश थी.वही रचना गाकर आज इसके  podcast और नये title के साथ प्रस्तुत करने में खुशी महसूस कर रहा हूँ… यह 1980’s का रचा पार्टी गीत है …

 

खुश इन्सां हो के जब हम पेश आए …!

खुश इन्सां हो के जब हम पेश आए,
यारों से कहा जीना मन को सुहाए,
ख़ुद पर हंसे, औरों को हंसाये,
बेफिक्र हो कुछ जोक्स भी सुनाये,
तो यारों ने समझा कि हम पी के आए,
पी के आए ….
ज़माना ये समझा कि हम पी के आए…..!

ऑफिस में स्ट्रेस और टेंशन है कितना,
मगर मैने खोया न अपनापन अपना,
गुनगुनाते खुशी से मन को लगाए,
किए काम मस्ती से अपने पराये,
तो ऑफिस ने समझा कि हम पी के आए,
पी के आए…
ज़माना ये समझा कि हम पी के आए…!

घर जब हम लौटे ख़ुद पर इतराए,
प्यार आया सब पे और हम मुस्कुराए,
बीवी से कहा “तू कितनी मन को भाये,
कितनी है अच्छी तू , बच्चे भी प्यारे”,
तो बीवी ने समझा कि हम पी के आए..
पी के आए……
ज़माना ये समझा की हम पी के आए…!

अजब है ये दुनिया, अजब लोग सारे,
खुशी छोड़ गम के ये पीछे हैं भागे,
जो खुश हैं उन्हे कहते “ये पी के आए”
जो पीने में ही हों ये सब गुन समाये,
तो क्या हर्ज किसको जो सब पी के आए..
पी के आए……
ज़माना ये समझा कि हम पी के आए…!

खुश इन्सां हो के जब हम पेश आए,
यारों से कहा जीना मन को सुहाए,
ख़ुद पर हंसे, औरों को हंसाये,
बेफिक्र हो कुछ जोक्स भी सुनाये,
तो यारों ने समझा कि हम पी के आए,
पी के आए ….
ज़माना ये समझा कि हम पी के आए…..!

“ विश्व नन्द “

5 Comments

  1. अच्छी रचना है
    मेरी रचनाएँ यू tube पर सुने

    • Vishvnand says:

      @kamleshkumardiwan
      कमेन्ट के लिए हार्दिक धन्यवाद .
      “Youtube” पर आपकी रचनाएँ सुनने के लिए कृपया internet site का address जरूर दीजिये.

  2. rajivsrivastava says:

    wah kya baat hai–mere tension relive ho gaye !Actually sir hamare area main network ka major fault aa gaya hai –repaire hone main 3-4 din aur lagenge–khud ko rok nahi paya isliye cyber cafe se likh raha hun–jaldi wapsi karoonga.yaad rakiyega mujhe

  3. rajivsrivastava says:

    kya baat hai sir bahut khoob ,tension relieve ho gaya,actually mere area ka network main major problen aa gaya hai 3-4 days lagenge repair hone main—to baad main waapse karoonga–bhooliyega mat…abhi cyber cafe se likh raha hun –congrats

    • Vishvnand says:

      @rajivsrivastava
      मैं भी आश्चर्य में था आप कहां गायब थे और लिखना ही चाहता था तो आप का ये reply आ गया . धन्यवाद
      और रचना पर कमेन्ट के लिए भी धन्यवाद .

      मैं भी इस Friday से अगले पूरे week outstation रहूँगा. God willing काफी दिनों के बाद हम कुछ रिश्तेदारों के साथ हमारे गाँव Goa जा रहे हैं मंदिरों में धार्मिक उत्सव attend करने.

      आप हरीश जी और अन्य मित्रगण p4poetry पर पूरे उत्साह के साथ जरूर बने रहिये जैसे हैं…

Leave a Reply