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***ख़म तेरी जुल्फ़ों के….****

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Hindi Poetry

 

ख़म तेरी  जुल्फ़ों के बहुत याद आते हैं

अश्क  बंद पलकों  के    तड़प दे जाते हैं

स्पर्श की अनुभूति  हम बिसरायें कैसे

तन्हा दीवारों पे तेरे अक्स नजर आते हैं

ख़म तेरी  जुल्फों ………

 

जानता हूँ, तूं मेरा दर अभी न भूली होगी

हर शब मेरी यादों की बाहों  में झूली होगी

राह तकती थी मेरे आने का जो निगाहें तेरी

उन्हीं राहों में  गर्द के गुबार नजर आते हैं

ख़म तेरी  जुल्फों …….

 

मेरे जेहन में तेरी स्मृतियाँ  मुस्कुराती हैं

दूरी में भी करीबी का एहसास दिलाती हैं

कदम मैखाने की तरफ बढ़ते न हरगिज

क्या करें हम तेरे गम में बहक जाते हैं

ख़म तेरी  जुल्फ़ों के बहुत याद आते हैं ,बहुत याद आते हैं…..

 

सुशील सरना

 

12 Comments

  1. dp says:

    achchii nazm…kham kya hota hai sir g ?

    • sushil sarna says:

      @dp,
      रचना की मनभावन प्रशंसा का हार्दिक शुक्रिया डी.पी.साहिब- ख़म का मतलब बल (bend) है – जैसे बल खायी जुल्फें – मेरे विचार में अर्थ स्पष्ट हो गया होगा

  2. kishan says:

    aap ka andaz sarna shaab bahut sundar hai ….ap ki rachna bhi sundrta mai zulti dikhayi deti hai …meri aur se subh kamnaye bus is tarah likhte rahiye ..jai shree krishna

    • sushil sarna says:

      @kishan,
      किशन जी आपकी मधुर मनभावन प्रतिक्रिया का हार्दिक शुक्रिया-जय श्री कृष्णा

  3. rajiv srivastava says:

    nice one——— very pleasing–congrats

  4. dr.ved vyathit says:

    अति सुंदर भाव के स्तर पर भीऔर शिल्प के स्तर पर भी
    बधाई

    • sushil sarna says:

      @dr.ved vyathit,
      रचना के प्रति व्यक्त आपके आशीर्वाद रूपी शब्दों ने मेरी रचना का जो मान बढाया, उसके लिए मैं आपका तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ, डॉ.साहिब – ऐसे ही अपना स्नेह बनाये रखिये

  5. Harish Chandra Lohumi says:

    उनकी जुल्फों के ख़म …
    उस पर दीवाने के गम…
    रचना में है बहुत दम खम .

    बधाई सरना साहब !!!

  6. Vishvnand says:

    बहुत खूब, क्या बात है
    जैसे “ख़म उनकी जुल्फ़ों के बहुत याद आते हैं”
    वैसे ही आपके ऐसे खूबसूरत अंदाज़ हमें भा भा के सताते हैं …..

    • sushil sarna says:

      @Vishvnand,
      आपके ऐसे मधु बरसाते आशीर्वाद मेरी रचना में एक अद्भुत श्रृंगार का अलंकरण करते हैं – ऐसे ही आपका स्नेह बनाये रखें- धन्यवाद सर जी

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