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अफसोस ना करना…
Hindi Poetry |
कल अगर मैं सूखे पत्ते सी उड़ जाऊ,
अफसोस ना करना, अगर भीड़ में नजर ना आऊ।।
दुःख की उंगली छोड़ देना,
थाम लेना खुशियों का हाथ।।
रात की चांदनी से कर लेना दोस्ती,
तन्हाई में ना करना मुझे रोकर याद।।
कल अगर मैं सूखे पत्ते सी उड़ जाऊ,
अफसोस ना करना, अगर मैं भीड़ में नजर ना आऊ।।
प्यार की बागिया में लगाना खुशियों के पौधे,
याद रखना अपने आप को, मुझे लेकर ना पछताना।।
सादगी और सच्चाई से अपनी गृहस्थी तुम सजाना,
हंसाना और मुस्कुराते हुए अपना वैवाहिक जीवन बीताना।।
कल अगर मैं सूखे पत्ते सी उड़ जाऊ,
अफसोस ना करना, अगर भीड़ में नजर ना आऊ।।
बहुत सुन्दर मार्मिक भावनिक रचना,
पर ऐसा और इतना क्या जरूरत सोचना ?
वैसे मन भाया बहुत ये आपका लिखना
हार्दिक बधाई
@Vishvnand,
dhanywad sir ji…
bas mujh nalayak ko aise hi protsahit karte rahe..
@anju singh
नालायक नहीं अनन्यलायक
अंजू
तुम्हारी कविता का त्याग तो कुछ और ही इशारा करता है…
अगर मे गलत न हू तो क्या ये त्याग प्रेरणा है क्या लिखने की तुम्हारे???
@Sinner, agreed
@Sinner,
ha ha ha nahi sir aisa kuch nahi or mujhme mai itna bada tyaag karne ki himmat bhi nahi hai… khair rachana padhne ke liye bahut bahut shukriya…
दर्द से सुसज्जित और प्रेम में आकंठ डूबी हुई…
प्रेम की सच्ची परिभाषा (सिर्फ़ पाना ही प्रेम नहीं होता) बताती…अनमोल रचना…
बधाई… 🙂
@P4PoetryP4Praveen,
ji bahut bahut dhanywad sir ji…bas bas ki sangati ka kuch kuch asar ho raha ha..
आप ने उस गीत की याद दिला दी-
खुश रहो हर ख़ुशी है तुम्हारे लिए
छोड़ दो आंसुओं को हमारे लिए.
बहुत अच्छी कविता.
@siddha nath singh,
bahut bahut shukriya sir…
kya baat hai! badi marmsparshi rachna hai! badahai
@rajivsrivastava,
ji aapni प्रतिक्रिया देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद…
बहुत प्रभावशाली एवं संवेदनात्मक रचना है, बहुत बहुत बधाई !
@ashwini kumar goswami,
नमस्कार सर जी, आप ने मेरी रचना को पढ़ा, यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है…
आप का बहुत बहुत आभार ….बहुत बहुत धन्यवाद सर जी.
प्यार आत्मा से जुड़ा है… सही में आपकी यह रचना उसी बात को प्रतिबिंबित करती है….
बधाई …!
@gargi,
गार्गी जी आप का बहुत बहुत और दिल से शुक्रिया… वैसे आप की प्रतिक्रिया भी मेरे लिया कम उत्साहवर्धन नहीं है…
anju ji
dard aur pyaar se bhari aapki ye rachna dil me gehre apni jagah bana gai….har shabd apne aap me apne pyaar ko khone k dar k sath uski khushiyon ki kaamna karta hua..bht hi pyari rachna hai ye aapki…..bht badhai iss khubsurat rachna k liye…
dil ki gehrai se aap ka bahut bahut dhanywad kasak ji….