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आप हमको भुला दीजिये
Hindi Poetry |
आप हमको भुला दीजिये
ये परिंदा उड़ा दीजिए.
फर्दे जुर्म आप सब सुन चुके
अब कोई फैसला दीजिये.
घर में भी फिर बनेगी जगह,
पहले दिल में जगह दीजिये.
दाग ही सबके देखे है वो,
कह उसे आईना दीजिये.
जिसमे सब भूल कर खो सकूँ
एक दुनिया बना दीजिए.
दे रहे सब हमें बद्दुआ
आप भी एक दुआ दीजिये.
बढ़िया अंदाज, बढ़िया लेखन
बधाई
वर्षों हैं मुकदमे चलते रहे
कब मुजरिम को सज़ा दीजिये ?….
@Vishvnand, आप की प्रतिक्रिया दीजिये.
@siddha Nath Singh
मैंने दी गर वो प्रतिक्रिया नहीं
तो जनाब आप उसको क्या कहिये
मेरी प्रतिक्रिया हम आपको समझा न पाए
या आपका कमेन्ट हम न समझे समझिये 🙂
@Vishvnand, प्रतिक्रिया मुक़दमे का फैसला न होने पर मांगी थी जनाब.
@siddha nath singh
मुकदमा कहाँ दायर करें है चक्कर
“कोर्ट फैसला ही नहीं सुनाता” इसपर
आप हमको भुला दीजिये,
जागने की अब चाहत भी कहाँ ,
हो सके तो सुला दीजिये !
बहुत अच्छे एस एन साहब ! kudos ! 🙂
@Harish Chandra Lohumi, बड़े शौक़ से सुन रहा था ज़माना हमीं सो गए दास्ताँ कहते कहते.
या भुला दीजिये या फिर झुला दीजिये 🙂
मज़ा आ गया सर जी 🙂
@dp, आभारी हूँ.
बहुत खुबसूरत..
तारीफ मे आप को देतें है सुन्दर, खुबसूरत और बढ़िया शब्दों के मोती..
पर आप को जो हो पसंद आप उसे इस प्यारी माला मे लगा दीजिये..
धन्यवाद
@anju singh, प्यारी सी प्रतिक्रिया का आभार.